पर्सनल कम्प्यूटर और लैपटॉप के आयात पर पाबंदियां लगाने के बाद अब सरकार कुछ अन्य प्रोडक्ट को लेकर भी सख्तियां करने वाली हैं. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि सरकार कैमरा, प्रिंटर, हार्ड डिस्क समेत कई प्रोडक्ट के आयात पर नियमों को कड़े कर सकती है.


इस कारण पाबंदियों की तैयारी


ईटी की एक रिपोर्ट में मामले से जुड़े सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि कैमरा, प्रिंटर, हार्ड डिस्क, टेलीफोन के पार्ट्स और टेलीग्राफिक उपकरणों के आयात पर सरकार कुछ पाबंदियां लगा सकती है. सूत्रों का कहना है कि इन प्रोडक्ट की लोकल डिमांड ठीक-ठाक है और उनके भारी आयात पर लगाम लगाने की जरूरत है, ताकि स्थानीय स्तर पर उत्पादन को मौका दिया जा सके.


इतना बढ़कर हो गया आयात


सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 में इन उत्पादों का आयात 10.08 बिलियन डॉलर रहा था. पिछले वित्त वर्ष के दौरान भारत में 714 बिलियन डॉलर के सामानों का आयात किया गया था, जो साल भर पहले की तुलना में 16.5 फीसदी ज्यादा है. पिछले वित्त वर्ष के दौरान आयात में हुई भारी बढ़ोतरी के चलते देश का करंट अकाउंट डेफिसिट जीडीपी के 2 फीसदी के बराबर पहुंच गया था.


ऐसे प्रोडक्ट भी बढ़ा रहे हैं टेंशन


सरकार कुछ अन्य वैसे उत्पादों पर भी नियमों को सख्त बनाना चाह रही है, जिनका योगदान आयात में ज्यादा है. ऐसे उत्पादों में यूरिया, एंटी बायोटिक, टर्बो जेट, लिथियम आयन एकुमुलेटर्स, रिफाइंड कॉपर, मशीन व मैकेनिकल उपकरण, सोलर एंड फोटोवॉल्टिक सेल, एल्यूमिनीयम स्क्रैप, सनफ्लावर सीड ऑयल और कैश्यू नट आदि शामिल हैं.


आईटीए-1 के दायरे वाले इन उत्पादों पर नजर


सरकार इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एग्रीमेंट-1 के दायरे में आने वाले 250 वैसे उत्पादों के आयात पर भी नजर रख रही है, जिनके ऊपर भारत आयात शुल्क नहीं लगा सकता है, लेकिन उनका भारी-भरकम आयात चिंता का विषय बन गया है. इनमें इंटीग्रेटेड सर्किट यानी आईसी, कम्प्यूटर, टेलीकॉम के कल-पुर्जे, सेमीकंडक्टर, सेमीकंडक्टर मैन्यूफैक्चरिंग, एम्पलीफायर्स, टेस्टिंग इक्विपमेंट, सॉफ्टवेयर आदि शामिल हैं.


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