देश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक पीएनबी के लाखों ग्राहकों के ऊपर बैंक अकाउंट बंद होने का खतरा मंडरा रहा है. पंजाब नेशनल बैंक ने ग्राहकों के कई खातों को बंद करने का निर्णय लिया है. बंद होने का यह खतरा जिन अकाउंट के ऊपर आया है, उसके बारे में पीएनबी ने साफ-साफ बता दिया है.


इन बैंक अकाउंट पर होगा एक्शन


पंजाब नेशनल बैंक के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, वह उन बैंक खातों को बंद करने जा रहा है, जो पिछले 3 सालों से इनऑपरेटिव हैं और उनमें कोई बैलेंस नहीं है. इसका मतलब हुआ कि पंजाब नेशनल बैंक सिर्फ उन अकाउंट पर एक्शन लेने जा रहा है, जिनमें न तो पैसे जमा हैं और न ही पिछले 3 सालों से कोई लेन-देन (जमा या निकासी) हुआ है.


1 जून के बाद हो जाएंगे बंद


सरकारी बैंक पहले भी इस एक्शन से प्रभावित होने वाले ग्राहकों को सूचित कर चुका है. इस एक्शन के लिए 30 अप्रैल 2024 को कट-ऑफ डेट तय किया गया है. यानी अगर किसी खाते में 30 अप्रैल 2024 तक कोई बैलेंस नहीं हुआ और अप्रैल 2021 के बाद अब तक उसमें कोई लोन-देन नहीं हुआ तो उन्हें बंद कर दिया जाएगा. इन खातों को 1 जून 2024 से बंद करने की शुरुआत की जाएगी.


पीएनबी के देश भर में करोड़ों ग्राहक


पंजाब नेशनल बैंक लगभग 18 करोड़ ग्राहकों के साथ एसबीआई के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक है. बैंक देश भर में 12,250 से ज्यादा ब्रांच और 13 हजार से ज्यादा एटीएम के जरिए करोड़ों ग्राहकों को अपनी सेवाएं मुहैया करा रहा है. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाएं मुहैया कराने में पीएनबी का योगदान महत्वपूर्ण है.


अकाउंट को बचाने का आखिरी मौका


अगर आपका भी बैंक अकाउंट पंजाब नेशनल बैंक में है तो आपके ऊपर भी अकाउंट के बंद होने का खतरा आ सकता है. बशर्ते आपके बैंक अकाउंट में कुछ बैलेंस हो और बीते 3 सालों में आपने उस बैंक अकाउंट से लेन-देन किया हो. अगर इन शर्तों के हिसाब से आप खतरे वाले जोन में हैं, तब भी आपके पास अकाउंट को बचाए रखने का मौका है. पीएनबी ने इसके लिए ग्राहकों को 31 मई 2024 तक का समय दिया है. आप अपने ब्रांच में जाकर 31 मई 2024 तक अपने बैंक अकाउंट की नए सिरे से केवाईसी करा सकते हैं, जिससे आपका बैंक अकाउंट बंद नहीं होगा.


इस कारण बंद किए जा रहे अकाउंट


पंजाब नेशनल बैंक का कहना है कि वह बैंकिंग को सुरक्षित बनाए रखने और फ्रॉड के मामलों पर लगाम लगाने के लिए यह कदम उठा रहा है. पीएनबी को इस बात का डर है कि इनऑपरेटिव और बिना बैलेंस के पड़े बैंक अकाउंट का दुरुपयोग किया जा सकता है. इसी कारण सरकारी बैंक ने ऐसे अकाउंट को बंद करने का निर्णय लिया है.


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