SEBI Instant Settlement Update: शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने वाले निवेशकों को नए साल 2024 में बड़ी सौगात मिलने वाली है. शेयर बाजार के रेग्यूलेटर सेबी ने बाजार में इंस्टैंट सेटलमेंट (Instant Settlement) के प्रावधान को लागू करने की तैयारी में जुट गया है. इस कड़ी में सेबी ने कैश सेगमेंट में शेयरों में ट्रेडिंग करने पर T+0 इंस्टैंट सेटलमेंट का प्रस्ताव दिया है. हालांकि ये प्रस्ताव वैकल्पिक होगा. सेबी ने इंस्टैंट सेटलमेंट पर सुझाव लेने के लिए 22 दिसंबर 2023 को कंसलटेंट पेपर जारी किया है. 


सेबी ने कंसलटेंट पेपर जारी करते हुए कहा, आज के दौर में भरोसेमंद, लो कॉस्ट और तेजी के साथ ट्रांजैक्शन ऐसे फीचर्स हैं जो निवेशकों को बेहद आकर्षित करते हैं. ऐसे में शेयरों के खरीद-फरोख्त को लेकर सेटलमेंट समय को घटाने और भारतीय सिक्योरिटी में डील करने पर ऑपरेशनल दक्षता को बढ़ाने से निवेशकों को इस एसेट क्लास की ओर आकर्षित करने में मदद मिलेगी. सेबी ने कहा, इस संबंध में इक्विटी कैश सेगमेंट में मौजूदा  T+1 सेटलमेंट साइकिल के अलावा छोटी सेटलमेंट साइकिल को शुरू किए जाने का विकल्प है. 


सेबी ने बताया कि रेग्यूलेटर चरणबद्ध तरीके से इसे लागू करना चाहता है. पहले फेज में T+0 सेटलमेंट साइकिल को दिन के 1.30 बजे तक के ट्रेड के लिए शुरू किया जा सकता है. इसके बाद फंड्स और शेयरों के सेटलमेंट की प्रक्रिया को शाम 4.30 बजे तक पूरा कर लिया जाएगा. 


सेबी के कंसलटेंट पेपर के मुताबिक दूसरे फेज में  वैकल्पिक  इंस्टैंट सेटलमेंट काविकल्प मौजूद होगा जिसमें फंड्स के साथ सिक्योरिटीज दोनों की ट्रेड टू ट्रेड सेटलमेंट की जाएगी. इस विकल्प में ट्रेडिंग 3.30 बजे तक की जा सकेगी. दूसरे फेज के लागू होने के बाद पहले फेज के  T+0 के ऑप्शन को बंद कर दिया जाएगा. 


T+0 सेंटलमेंट के साथ शुरूआत में मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से 500 टॉप कंपनियों के शेयरों को सेटलमेंट के लिए शामिल किया जाएगा. इसके बाद के सेटलमेंट साइकिल में तीन चरणों में सबसे कम से कम मार्केट कैप वाली कंपनियों को भी शामिल किया जाएगा.  सेबी चीफ माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) ने कुछ समय पहले ही कहा था कि ट्रांजैक्शन सेटलमेंट के समय सीमा में सुधार लाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सेबी अलग अलग पार्टियों के साथ बातचीत कर रही है. 


मौजूदा समय में  T+1 सेटलमेंट का प्रावधान है. यानि जिन दिन निवेशक कोई शेयर खरीदता तो उसके अगले दिन डिमैट अकाउंट में शेयर क्रेडिट किया जाता है. और यदि किसी निवेशक ने शेयर बेचा तो एक 24 से 36 घंटे के बाद बैंक खाते में शेयर बेचने पर फंड क्रेडिट किया जाता है. इससे निवेशक फंड के अभाव में कोई और ट्रेड नहीं कर पाते हैं.  इंस्टैंट सेटलमेंट ट्रांजैक्शन के नियमों के लागू होने के बाद फौरन ट्रेड का सेटलमेंट हो जाएगा. दुनिया में बहुत कम जेश हैं जहां T+1 सेटलमेंट का नियम लागू है जिसमें भारत शामिल है. 


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