Sebi Penalty on 7th Entities: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने ​बीएसई के इलिक्विड स्टॉक ऑप्शंस सेगमेंट में गैर-वास्तविक व्यापार के सात संस्थाओं पर भारी जुर्माना लगया है. मंगलवार को सेबी की ओर से इन संस्थाओं पर 35 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. नियमायक ने इन संस्थाओं पर जुर्माना अलग-अलग वजह से लगाया है. 


सेबी ने पवन कुमार सरवागी एचयूएफ, सुभ लक्ष्मी ट्रेडिंग कॉरपोरेशन, STIC ट्रेडकॉम, स्टारलाइट देवकॉन, देवेश कॉमोसेल, देविंदर कुमार और किशोरचंद्र गुलबभाई देसाई पर पांच-पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. सेबी ने ये जुर्मान लगाने से पहले बीएसई के इलिक्विड स्टॉक ऑप्शंस सेगमेंट में ट्रेडों के बड़े पैमाने पर उलटफेर का अवलोकन किया है. सेबी ने पाया कि एक्सचेंज पर वॉल्यूम बना है. 


सेबी ने की थी जांच 


सेबी ने अप्रैल 2014 से सितंबर 2015 तक बीएसई पर खंड में लगी कुछ संस्थाओं की व्यापारिक गतिविधियों की जांच की थी. सेबी ने बताया कि ये सात संस्थाएं उन लोगों में शामिल थीं, जो रिवर्सल ट्रेडों को अंजाम दिया था. मार्केट वॉचडॉग ने कहा कि रिवर्सल ट्रेडों को नॉन रियल माना जाता है. 


क्यों लगाया गया भारी जुर्माना 


ये ट्रेडिंग के समान्य स्थिति में रहते हैं और कृत्रिम तरीके से वॉल्यूम पैदा करने के लिए झूठ या भ्रामक प्रचार करते हैं या फिर भ्रामक स्थिति पैदा करते हैं. सेबी ने बताया कि संस्थाओं ने धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार प्रथाओं का निषेध (PFUTP) के प्रावधानों का उल्लंघन किया था. 


सेबी की रहती है नजर 


बता दें कि सेबी स्टॉक मार्केट पर पैनी नजर रखती है और किसी भी गलत गतिविधियों पर कार्रवाई करती है. सेबी ने पिछले दिनों कई संस्थाओं पर धोखाधड़ी और भ्रामकता फैलाने वाले संस्थाओं पर जुर्माना लगाया था. वहीं कई को तो स्टॉक मार्केट के लिए सस्पेंड भी किया था. 


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