Jio IPO: मार्केट रेगुलेटर सेबी ने अपने नियमों में कुछ बदलाव किए हैं. इससे आईपीओ लाने वाली कंपनियों को बड़ा फायदा मिलेगा. सेबी ने मिनिमम पब्लिक ऑफर (MPO) और मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग (MPS) के नियमों में ढील दी है. इससे रिलायंस जियो और एनएसई जैसी दिग्गज कंपनियां बाजार पर भारी पड़े बिना अपना आईपीओ ला सकती है. इस नए नियम से इन कंपनियों के आईपीओ का साइज आधा हो सकता है.
बड़ी कंपनियों के लिए आईपीओ लाने का नियम
अब तक, 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा मार्केट वैल्यू वाली कंपनियों को आईपीओ के जरिए अपनी कम से कम 5 परसेंट हिस्सेदारी बेचनी होती थी. ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स ने अनुमान लगाया है कि द्वारा बुल मार्केट में रिलायंस जियो की मार्केट 13.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा होगी. ऐसे में पुराने नियम के हिसाब से 5 परसेंट हिस्सेदारी बेचने की स्थिति में रिलायंस जियो के आईपीओ का साइज 58,000-67,500 करोड़ रुपये होता. एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह शेयर बाजार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है.
जानें क्या है सेबी का नया नियम?
सेबी के नए प्रस्ताव में जिन कंपनियों की मार्केट वैल्यू 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक है उनके लिए अब 5 परसेंट हिस्सेदारी बेचने की आवश्यकता को खत्म कर दिया है. अब नए नियम के तहत इन्हें केवल 2.5 परसेंट ही हिस्सेदारी बेचनी होगी. इसी के साथ जियो के आईपीओ का साइज आधा होकर 30,000 करोड़ रुपये से थोड़ा ज्यादा हो जाएगा.
रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा था कि रिलायंस जियो का आईपीओ 2026 की पहली छमाही में लॉन्च हो सकता है. ब्रोकरेज फर्म सिटी ने कहा कि इस बदलाव से न केवल तत्काल आपूर्ति का बोझ कम होगा, बल्कि जियो की मूल कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के लिए 'होल्डिंग कंपनी डिस्काउंट' की चिंता भी कम होगी.
एलआईसी को दी गई थी छूट
नए नियम में कंपनियों के लिए 25 परसेंट MBPS की आवश्यकता को पूरा करने की समय-सीमा भी बढ़ा दी गई है, जिससे उन्हें 10 सालों तक धीरे-धीरे अपनी हिस्सेदारी कम करने की अनुमति मिल गई है. साल 2022 में सेबी ने एलआईसी को बड़ी छूट दी थी. कंपनी को 21,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए अपनी इक्विटी का 3.5 परसेंट हिस्सेदारी बेचने की इजाजत दी गई थी, लेकिन अब इस नए नियम के साथ कईबड़ी कंपनियां बाजार में एंट्री ले सकती हैं.
डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)
ये भी पढ़ें:
अडानी की इस कंपनी के शेयर पर आया ब्रोकरेज का दिल, इतना बढ़ा दिया टारगेट प्राइस