Inflation: अमेरिका समेत दुनियाभर के देश मौजूदा वर्ष में महंगाई से जुझते रहे हैं जिसके चलते पूरी दुनिया में लोगों की कॉस्ट ऑफ लिविंग यानि जीवन यापन के खर्च में जबरदस्त बढ़ोतरी आई है पर भारत इस सब के बीच सुखद स्थिति में मजबूती के साथ खड़ा रहा है. एसबीआई के रिसर्च  रिपोर्ट Ecowrap में ये बातें कही गई है. 


इस रिपोर्ट को तैयार करने वाले एसबीआई समूह के ग्रुप मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्या कांति घोष ने कहा कि ऐसा लगता है कि अच्छा शब्द वैश्विक अर्थव्यवस्था से अस्थायी रूप से गायब हो गया  है. और मौजूदा अनिश्चितता ने देशों को कठिनाइयों में डाल दिया है. लेकिन अच्छी बात ये है कि इस अनिश्चितता के बावजूद भारत सुखद हालात में है. 


एसबीआई की इस रिसर्च रिपोर्ट में रुपये को डिनौमिनेटर मानकर भारत, अमेरिका, यूके और जर्मनी के कॉस्ट ऑफ लिविंग अर्थात जावन यापन के खर्च की तुलना की गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर सितंबर 2021 में सभी देशों के घरों का बजट या कॉस्ट ऑफ लिविंग 100 रुपये था तो भारत और अमेरिका में इसमें 12 रुपये की बढ़ोतरी हुई है. लेकिन जर्मनी में 20 रुपये और यूके में 23 रुपये की बढ़ोतरी हुई है. 


रिपार्ट के मुताबिक खाने-पीने की चीजों की कीमतों के मामले में सितंबर 2021 में इऩ चार देशों में जो चीजें 100 रुपये में मिल रही थी वो अब अमेरिका में 28 रुपये, यूके में 18 रुपये और जर्मनी में 33 रुपये महंगा मिल रहा है. जबकि भारत में केवल 15 रुपये महंगा हुआ है. 


इस अवधि में रहने का खर्च अमेरिका में 21 रुपये, यूके में 30 रुपये, जर्मनी में 21 रुपये तो भारत में केवल 6 रुपये महंगा हुआ है. ईंधन की कीमतें इस अवधि में भारत में 16 रुपये, अमेरिका में 12 रुपये महंगा हुआ है. जबकि यूके में 93 रुपये और जर्मनी में 62 रुपये महंगा हुआ है. 


रिपोर्ट के मुताबिक वौश्विक संकट के बाद कॉस्ट ऑफ लिविंग का स्तर गिरा है लेकिन भारत अन्य देशों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन कर रहा है. 


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