लोकसभा चुनाव के जोर पकड़ने के साथ ही अवैध धन की धर-पकड़ भी तेज हो गई है. इस सिलसिले में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को एक दिलचस्प मामला मिला है. इस मामले में एक गुमनाम पॉलिटिकल पार्टी को करोड़ों रुपये का चुनावी चंदा मिला है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का शक हो रहा है.


200 पार्टियों की की गई जांच


यह मामला जुड़ा है सरदार वल्लभभाई पटेल पार्टी से. यह रजिस्टर्ड पॉलिटिकल पार्टी तो है, लेकिन चुनाव आयोग से पहचान प्राप्त नहीं है. इस पार्टी से मुंबई में तीन लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार भी उतारे गए हैं. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट मे दो 2 साल पहले लगभग 200 ऐसी पार्टियों को मिले चुनावी चंदे की जांच की थी, जो रजिस्टर्ड तो हैं, लेकिन चुनाव आयोग से पहचान प्राप्त नहीं हैं. उनमें से एक सरदार वल्लभभाई पटेल पार्टी भी है.


फोटोकॉपी सेंटर में पार्टी दफ्तर


सरदार वल्लभभाई पटेल पार्टी को लेकर जो दिलचस्प बात मिली है, वो ये है कि बिना किसी खास गतिविधि के उसे 55.5 करोड़ रुपये के चुनावी चंदे मिले हैं. पार्टी का दफ्तर मुंबई की एक झुग्गी बस्ती में है. पार्टी को बोरीवली ईस्ट स्थित एक चॉल के फोटोकॉपी सेंटर से चलाया जा रहा है. चंदे के बारे में पार्टी ने खुद ही चुनाव आयोग को जानकारी दी थी.


पार्टी ने 2022 में दी थी जानकारी


चुनाव आयाग को सरदार वल्लभभाई पटेल पार्टी ने 2022 में बताया था कि उसे चंदे में 55.5 करोड़ रुपये दान के जरिए मिले हैं. उनमें से 10 करोड़ रुपये शिक्षा के ऊपर, खाने-पीने के सामानों पर 5 करोड़ रुपये, सर्दियों के कपड़ों पर 16 करोड़ रुपये और गरीबों की मदद करने में 11 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.


इस तरह से होता है काम


टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपार्ट में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि इस तरह की ज्यादातर पार्टियां हवाला ऑपरेटर्स की मिलीभगत से बनाई जाती हैं. इनका उद्देश्य मुख्य रूप से पैसों को इधर-उधर करना और टैक्स की चोरी करना होता है. वे हवाला ऑपरेटर्स के ग्राहकों से कैश में पैसे लेते हैं और कमीशन काटकर पैसे लौटा देते हैं. पार्टी लीडर्स को आम तौर पर 0.01 फीसदी रकम कमीशन के तौर पर मिलती है.


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