Dhanteras 2021:  इस वर्ष धनतरेस पर बाजार में जबरदस्त रौनक देखी जा रही है. दो सालों से मंदी की मार झेलने वाले सर्राफा व्यापारियों के चेहरे पर धनतरेस दिवाली त्योहार की खरीदी को लेकर मुस्कान वापस आ गई है. राजधानी दिल्ली सहित देश भर के सर्राफा व्यापारियो ने सोने चांदी के गहनों एवं अन्य सामान का शानदार कारोबार किया है.


धनतेरस पर 7500 करोड़ रुपये की सोने की खरीदारी 


कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) तथा कैट के ज्वेलरी विंग ऑल इंडिया ज्वेलर्स एवं गोल्ड स्मिथ फेडरेशन (एआईजीऍफ़) ने ज्वाइंट बयान जारी करते हुये कहा है कि धनतेरस पर देश भर में लगभग 15 टन सोने के आभूषणों की बिक्री हुई है जिसका वैल्यू करीब 7500 करोड़ रुपये है. दिल्ली में जहाँ लगभग 1000 करोड़ रुपये की सोने चांदी की खरीदारी हुई है वहीं महाराष्ट्र में लगभग 1500 करोड़, उत्तर प्रदेश में लगभग 600 करोड़ और दक्षिण भारत में लगभग 2000 करोड़ का सोने की ज्वेलरी की खरीदारी हुई है. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया की देश में पुरातन काल से सभी त्योहारों में धनतेरस का अपना विशेष महत्व है. इस दिन देश भर में लोग सोने चांदी के सिक्के या आभूषण खरीदते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन धन ( वस्तु) खरीदने से उसमें तेरह गुणा वृद्धि होती है. उन्होंने बताया कि कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन समुद्र मंथन के समय भगवान धनवंतरी अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे इसलिए इस तिथि तो धनतेरस या धनत्रयोदशी के नाम के जाना जाता है. सोना और चाँदी देश में निवेशकों की प्राचीन काल से ही पहली पसंद रहा है.  हर भारतीय परिवार अपनी हैसियत के मुताबिक धनतेरस के दिन  सोने-चाँदी की खरीदारी करते हैं. वहीं बर्तनों के खरीदने का रिवाज भी लम्बे समय से चला आ रहा है. 


सोने की मांग में 50 फीसदी की उछाल


एआइजेजीएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज अरोरा ने कहा की  इस वर्ष आर्थिक गतिविधियों में जोरदार उछाल और उपभोक्ता मांग में सुधार के बाद जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की सोने की मांग में सालाना आधार पर 50%  की बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने बताया कि 2021 की पहली छमाही में पिछले वर्ष की तुलना में अत्याधिक सोने का इंपोर्ट हुआ है. उन्होंने बताया की वर्तमान में दिवाली के त्योहार तथा उसके बाद शुरू होने वाले शादियों के सीजन में ग्राहकों की मांग को देखते हुए  देश भर में सर्राफा व्यापारियों ने सोने के आभूषणों एवं अन्य सामान की उपलब्धता की व्यापक तैयारी कर रखी है. 


19 महीने बाद बाजार में लौटी रौनक


ट्रेडर्स का कहना है कि गहनों के साथ ही सोने-चांदी के सिक्के, नोट, मूर्तियां और बर्तन की बड़ी बिक्री की संभावना है. कोराना काल के 19 महीने के बाद ज्वेलरी के बाजार में पहली बार यह चमक देखी जा रही है. इससे देश भर का सर्राफा कारोबार उत्साहित हैं. अच्छी बात यह है कि खरीदार खुद के उपयोग के लिए ज्वेलरी और अन्य उत्पादों के साथ निवेश के लिहाज से बुलियन की ओर आकर्षित हो रहे हैं. 


अब शादियों के सीजन से उम्मीद


साल 2019 में  सोनेे का भाव रुपये 38923 प्रति 10 ग्राम और चाँदी का भाव रूपये 46491 प्रति किलो था जबकि वर्ष 2020 में नवंबर महीने में सोने का भाव बढ़ कर रुपये 50520 प्रति 10 ग्राम हो गया और चांदी का भाव बढ़ कर रुपये 63044 प्रति किलो था जबकि आज धनतेरस के दिन सोने का भाव 49300 प्रति 10 ग्राम रहा जबकि चांदी का भाव 66300 प्रति किलोग्राम रहा. कोरोना महामारी की वजह से जहाँ वर्ष 2019 की दूसरी तिमाही में सोने के गहने की खपत देश मे 101.6 टन थी वही पिछले वर्ष दूसरी तिमाही में यह खपत 48% गिरकर 52.8 टन रह गयी थी जबकि इस वर्ष की पहली छमाही में लगभग 700 टन का गोल्ड इम्पोर्ट इस बात को दर्शाता है की इस साल सोने का कारोबार बहुत शानदार रहने वाला है. अब ट्रेडर्स को शादियों के सीजन का इंतजार है. नवंबर के मध्य से अगले वर्ष तक ज्यादा शादियों का बड़ा सीजन आ रहा है और शादी से सम्बंधित गोल्ड, ज्वेलरी एवं अन्य वस्तुओं की बिक्री भी बड़ी मात्रा में बढ़ने की सम्भावना देखी जा रही है.