नई दिल्ली: अर्थव्यवस्था के मोर्च से एक बुरी खबर सामने आई है. ताजा खबरों के अनुसार रुपया 52 हफ्तों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. एक डॉलर के मुकाबले रूपया 74.16 रुपये पर पहुंच गया है. इससे पहले यह कीमत 73.7825 रुपये थी. आपको बता दें कि इस वक्त भारतीय रुपये की स्थिति एशिया में सिर्फ पाकिस्तान और दक्षिण कोरिया से बेहतर है. 2019 से अब तक रुपये में 2 प्रतिशत से अधिक की गिरावट हुई है.


पिछले हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 38 पैसे की कमजोरी के साथ 73.72 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था. सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 31 पैसे की कमजोरी के साथ 74.03 रुपये के स्तर पर खुला.


गौरतलब है कि 2018 में एक डॉलर के मुकाबले रुपया 74 रुपये से अधिक था. जानकारों का मानना है कि इसकी वजह गिरती अर्थव्यवस्था और बढ़ती मुद्रास्फीति है. बाजार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि डॉलर के मजबूत होने से बाजार में दबाव बढ़ने की संभावना है.


शेयर मॉर्केट में पांच साल में सबसे बड़ी गिरावट


स्टॉक मार्केट भी आज भारी गिरावट के साथ खुला है और शुरुआती कारोबार में भी ऐतिहासिक गिरावट देखी जा रही है. सेसेंक्स में 21 सौ से ज्यादा अंकों की गिरावट दर्ज की गयी है, निफ्टी में भी 550 अंकों से ज्यादा की गिरावट है. बड़ी वजह कोरोना बताया जा रहा है क्योंकि आज चीन और जापान के शेयर बाज़ारों में भी भारी गिरावट दर्ज की गयी है. यह पांच साल में सबसे बड़ी गिरावट बताई जा रही है.


शेयर बाजार में सोमवार को शुरुआती कारोबार के दौरान भारी गिरावट के चलते निवेशकों के करीब पांच लाख करोड़ रुपये डूब गए.


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