Rupee - Dollar: ग्लोबल संकेतों और डॉलर में आई मजबूती के चलते एक डॉलर के मुकाबले भारतीय करेंसी रुपया ऐतिहासिक गिरावट के साथ बंद हुआ है. डॉलर के खिलाफ गोता लगाते हुए रुपया 14 पैसे की गिरावट के साथ 83.57 रुपये के लेवल पर बंद हुआ है जो कि रिकॉर्ड निचला स्तर है. 


रुपये में रिकॉर्ड गिरावट


ईरान के इजरायल पर हमले के बाद वैश्विक तनाव बढ़ा हुआ है. तो मार्च महीने में अमेरिका में महंगाई दर में उछाल के बाद ये आशंका जाहिर की जा रही कि वहां के सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व ब्याज दरें घटाने के फैसले को कुछ महीने के लिए टाल सकती है. इसी के चलते डॉलर में मजबूती और रुपये में कमजोरी देखने को मिल रही है. मंगलवार 16 अप्रैल 2024 को डॉलर के मुकाबले रुपया 83.57 (प्रॉविजनल) के लेवल पर बंद हुआ है जबकि पिछले सेशन में रुपया 83.44 के लेवल पर बंद हुआ था. दिन के ट्रेड के दौरान रुपया 83.54 के लेवल तक जा फिसला था. लेकिन ये माना जा रहा कि आरबीआई के दखल देने के बाद रुपये को सपोर्ट मिला है. बुधवार को रामनवमी के चलते करेंसी मार्केट बंद रहेंगे.  


महंगाई बढ़ने का खतरा 


मजबूत डॉलर और कमजोर रुपया भारत की मुश्किलें बढ़ा सकता है. भारत के लिए कच्चे तेल से लेकर खाने के तेल समेत कई दूसरी कमोडिटी का आयात करना महंगा हो सकता है. महंगे कच्चे के तेल और खाने के तेल के चलते देश में महंगाई बढ़ने का खतरा है. भारत की मुश्किल ये है कि वैश्विक तनाव के चलते एक तरफ कच्चे तेल के दाम बढ़ रहे हैं तो दूसरी ओर डॉलर के मुकाबले रुपये कमजोर हो रहा है. यानि सरकारी तेल कंपनियों के लिए कच्चा तेल खरीदना महंगा होता जा रहा है. 


रुपये में और कमजोरी संभव


मिडिल ईस्ट रीजन में ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बाद ये माना जा रहा है कि डॉलर में और मजबूती और रुपये में कमजोरी देखने को मिल सकती है. डॉलर की मांग में बढ़ोतरी के चलते रुपया कमजोर हो सकता है. वहीं अमेरिका में पहले ये संभावना जताई जा रही थी कि जून 2024 में फेडरल रिजर्व ब्याज दरें घटा सकता है. लेकिन ये डेडलाइन खिसककर जुलाई 2024 तक जा सकता है. मॉर्गन स्टैनली के चीफ यूएम इकोनॉमिस्ट एल्लेन जेंटनर (Ellen Zentner) ने भी अपने आउटलुक में कहा है कि फेडरल रिजर्व जून की जगह जुलाई से ब्याज दरों में कटौती का सिलसिला शुरू कर सकता है. साथ ही 2024 में अब चार नहीं बल्कि केवल तीन रेट कट ही देखने को मिलेगा.  


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