Indian Railway Ticket Booking: अगर आप अक्सर भारतीय रेलवे (Indian Railways) से सफर करते हैं तो आपके सामने कई बार ऐसी स्थिति आई होगी, जिसके बाद आपको परेशानी का सामना करना पड़ता है. आप जब भी कही परिवार के साथ घूमने का प्लान बनाते है तो आप एक साथ ही सभी के टिकट बुक कराते है. इसमें से कुछ लोगों के टिकट कन्फर्म हो जाते है और कुछ के नहीं होते हैं. ऐसे में आप क्या करेंगे? आपके पास कौन सा रास्ता बाकी रह जाता है. यह कई बार परेशानी की स्थिति पैदा कर देता है. इस संबंध में जानें रेलवे ने क्या नियम बना रखे है. 


अगर यात्रा वाले दिन सभी यात्रियों के टिकट कन्फर्म नही होते है. यानी कुछ के कंफर्म हुए हैं और कुछ लोगों का वेटिंग रह जाता है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्‍या सभी लोग सफर कर सकते हैं या नहीं. या जिनकी सीट कंफर्म हुई है, केवल वही सफ़र कर सकते हैं. इस संबंध में रेलवे के नियम जान लेना चाहिए.


इतने टिकट होते है बुक
हर साल हज़ारों लोग रेलवे से यात्रा करते है, जिसमें कई लोग एक जगह से दूसरी जगह जाते भी है. देशभर में साल भर होने वाले तीज-त्यौहारो पर लोगों ज्यादातर सफर करते है. रेलवे बोर्ड के अनुसार कोरोना से पहले 2019-20 में रेलवे में हर साल करीब 16 करोड़ वेटिंग टिकट बुक होते थे, जिनमें से करीब 7 करोड़ से अधिक पैसेंजरों को वेटिंग टिकट ट्रेन छूटने से पहले कन्फर्म हो जाते थे और करीब 9 करोड़ के कन्फर्म नहीं हो पाते थे. वो या तो  यात्रा करने से वंचित रह जाते थे या किसी अन्य साधन से यात्रा करते थे. 


क्या है नियम 
रेलवे नियमों के अनुसार एक पीएनआर में 6 यात्रियों का टिकट बुक कर सकते हैं. अगर 6 में से कुछ यात्रियों के ही टिकट कंफर्म होते है तो बाकी के लोग ट्रेन में सफर कर सकते हैं, जिनका पीएनआर नंबर (PNR Number) एक ही है. अगर ई-टिकट है तो पीएनआर में एक भी टिकट कंफर्म हुआ है तो वह निरस्‍त नहीं होगा. पीएनआर में एक भी यात्री का टिकट कंफर्म नहीं होता है तो टिकट अपने आप निरस्‍त हो जाता है. बाकी में आपके रुपये रिफंड हो जाते है. इसी तरह अगर एक पीएनआर में कुछ आरएसी और कुछ वेटिंग हैं तो ट्रेन में सभी लोग सफर कर सकते हैं.


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