Inflation Concern: कमरतोड़ महंगाई ने आम भारतीयों की मुश्किलों को बढ़ा दिया है. खासतौर से रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजों की कीमतें जिस प्रकार बढ़ी है उससे लोगों की चिंताएं बढ़ती जा रही है. इसके अलावा स्वास्थ्य और शिक्षा पर होने वाले खर्च में बढ़ोतरी भी परेशानी की सबब बनती जा रही है. 


एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस ने फाइनेंशियल इम्यूनिटी स्टडी के तीसरे एडीशन को जारी किया है. इस स्टडी के मुताबिक के 43 फीसदी लोगों ने माना कि रोजाना खपत वाली चीजों की कीमतों में बढ़ोतरी उनकी चिंता का प्रमुख कारण है. इन 43 फीसदी उपभोक्ताओं का मानना है कि मौजूदा आर्थिक माहौल में महंगाई सबसे प्रमुख चिंता का कारण बनता जा रहा है. 


जून 2023 में इस सर्वे को पूरा किया गया है. सर्वे में भाग लेने वालों में 36 फीसदी ने बढ़ते स्वास्थ्य खर्च, 35 फीसदी शिक्षा के खर्च में इजाफा, 27 फीसदी मंदी और उसके प्रभाव, 24 फीसदी खराब मेंटल हालात, 24 फीसदी फिजिकल हेल्थ स्टेट्स, 23 फीसदी नौकरी खोने का डर और 19 फीसदी ने पर्याप्त लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस के नहीं होने को चिंता का कारण करार दिया है. 


मनीकंट्रोल के मुताबिक एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस ने ये स्टडी डेलॉएट इंडिया के साथ मिलकर किया है जिसमें देश में 41 शहरों में 5000 लोगों से सवाल जवाब किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक जिन लोगों से बात की गई है उन्होंने माना कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए जरुरी कदम उठा रहे हैं. सर्वे में भाग लेने वालों ने कहा कि सालाना इनकम का 52 फीसदी लोग अपने वित्तीय सेहत को मजबूत करने पर खर्च कर रहे हैं. जिसमें से 17 फीसदी सेविंग, 11 फीसदी लाइफ इंश्योरेंस और 8 फीसदी लाइफ इंश्योरेंस पर खर्च कर रहे हैं. 


सर्वे के मुताबिक वित्तीय सेहत को मजबूत करने के लिए और वित्तीय अनिश्चितता से निपटने के लिए 49 फीसदी अपने खर्च को बेहतर तरीके से मैनेज करते हुए म्यूचुअल फंड्स और इक्विटी में निवेश कर रहे हैं. 41 फीसदी इनकम से दूसरे सोर्स को क्रिएट कर रहे हैं. 37 फीसदी लाइफ के साथ साथ हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज पर खर्च कर रहे हैं. वहीं 35 फीसदी सोने में निवेश कर रहे हैं. सर्वे में भाग लेने वालों ने माना कि कोविड महामारी के बाद बीमा के महत्व को वे समझने लगे हैं.  


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