Rice Price Hike in World:  देश में अब चावल की कीमत लगातार बढ़ने लगी है. सरकार ने चावल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कई पाबंदियां लगाई है, जिस कारण ग्लोबल मार्केट (Global Market) में चावल के दाम 12 साल के ऊंचे स्तर पर पहुंच चुका है. सरकार ने अभी हाल ही में उबले हुए चावल के एक्सपोर्ट (Rice Export) पर एक्सपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई है. 


80 फीसदी बढ़ा चावल का शिपमेंट लागत


रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सरकार ने 20 जुलाई को नॉन व्हाइट बासमती चावल (Non- White Basmati Rice) पर पाबंदी लगा दी थी. इसके बाद चावल की कीमत ग्लोबली 12 साल के उच्च स्तर पर पहुंच चुकी है, क्योंकि राइस शिपमेंट का कॉस्ट 80 फीसदी तक बढ़ चुका है. अब सरकार ने उबले हुए चावल पर 20 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई है, जिससे चावल की कीमत और बढ़ सकती है. 


कहां कहां पर होता है बासमती चावल का निर्यात


दुनिया में भारत की चावल शेयर की हिस्सेदारी कुल 4 मिलियन टन बासमती चावल का 40 फीसदी है. भारत बासमती चावल का एक्सपोर्ट इरान, इराक, सउदी अरब, यूएई और अमेरिका में करता है. भारत ने 2022-23  में 45.6 लाख टन बासमती चावल 4.8 ​अरब डॉलर की कीमत का किया था. इस अवधि के दौरान नॉन बासम​ती चावल 6.36 अरब डॉलर का 177.9 लाख टन एक्सपोर्ट किया था. 


भारत ने कितना किया चावल का प्रोडक्शन 


भारत ने 2022-23 में 135.54 मिलियन टन चावल प्रोड्यूस किया था और 2021-22 के दौरान 129.47 मिलियन टन प्रोड्यूस किया था. अन्य देश भी चावल निर्यात पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहे हैं, क्योंकि पांचवां सबसे बड़ा चावल निर्यातक म्यांमार निर्यात को प्रतिबंधित करने पर विचार कर रहा है और थाईलैंड ने अपने किसानों को पानी बचाने के लिए चावल की खेती कम करने की सलाह दी है. 


ये भी पढ़ें


Dharavi Project: क्या धारावी रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट में अडानी ग्रुप को मिला अनुचित लाभ? सरकार ने दिया ये जवाब