Retail Growth: देश के मेट्रो शहरों में विकास की संभावनाएं अब बहुत कम होती जा रही हैं. इन शहरों का विकास बड़े पैमाने पर हो चुका है. साथ ही इनमें कंपनियों के लिए कम्पटीशन बहुत बढ़ गया है. अब छोटे शहरों ने कारोबार को विस्तार देना शुरू कर दिया है. देश के टियर 2 शहर रिटेल सेक्टर की ग्रोथ के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो चुके हैं. इन छोटे शहरों से रिटेल सेक्टर को बड़ा सपोर्ट मिल रहा है. इनमें लखनऊ, कोच्चि, जयपुर, इंदौर और कोझिकोड जैसे शहर शामिल हैं. 


रोजगार पैदा होने से खर्च होने के लिए आया पैसा 


प्रॉपर्टी कंसल्टेंसी फर्म नाईट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, देश की इकोनॉमिक ग्रोथ से रिटेल सेक्टर को आगे बढ़ने में काफी मदद मिल रही है. इससे रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो रहे हैं. ज्यादा रोजगार पैदा होने के चलते छोटे शहरों में लोगों के पास खर्च के लिए पैसा आ रहा है. इसके चलते छोटे शहरों में ईकॉमर्स ने भी रफ्तार पकड़ी है. छोटे शहरों की आर्थिक संपन्नता से रियल एस्टेट सेक्टर को भी तरक्की का रास्ता मिल रहा है. इन शहरों में निवेश बढ़ रहा है और नए-नए प्रोजेक्ट भी लॉन्च हो रहे हैं. 


ईकॉमर्स और एंटरटेनमेंट के अवसर भी तेजी से बढ़े 


नाईट फ्रैंक इंडिया के एमडीए एवं चेयरमैन शिशिर बजाज ने कहा कि टियर 2 शहरों में आर्थिक तरक्की के साथ-साथ डिजिटल शिक्षा और आबादी में भी इजाफा हुआ है. यहां कॉमर्स और एंटरटेनमेंट की संभावनाएं बढ़ रही हैं. हालांकि, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के मामले में स्थिति थोड़ी सी अलग है. टियर 1 शहरों में जहां शॉपिंग कॉम्प्लेक्स 1990 के दशक में ही आ गए थे. वहीं, टियर 2 शहरों में यह 2000 के दशक में पहुंचना शुरू हुए. यही वजह है कि कई छोटे शहरों में आज भी बड़े शॉपिंग कॉम्प्लेक्स नहीं हैं. मगर, इस स्थिति में भी तेजी से बड़ा बदलाव आ रहा है. 


इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग, रिवेंज शॉपिंग और जेन जी लाए बदलाव  


हाल के कुछ सालों में रिटेल मार्केट को इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग, रिवेंज शॉपिंग और जेन जी ने बड़े पैमाने पर प्रभावित किया है. इससे कस्टमर्स का शॉपिंग एक्सपीरियंस भी बदला है. कोविड 19 महामारी के दौरान बुरी तरह प्रभावित हुआ रिटेल मार्केट अब फिर से शबाब पर है और छोटे शहरों में बड़ी पकड़ बनाने के लिए बैचेन है. 


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