Retail Inflation To Remain High: खुदरा महंगाई दर 18 महीने के उच्चतम स्तर को पार कर सकता है. अप्रैल 2022 के लिए खुदरा महंगाई दर के आंकड़ों का ऐलान गुरुवार 12 मई 2022 को किया जाएगा. जिसमें अनुमान जताया जा रहा है खाद्य सामग्रियों की ऊंची कीमतों और महंगे ईंधन के चलते खुदरा महंगाई दर 7.50 फीसदी के आंकड़े को पार कर सकता है. जबकि मार्च महीने में खुदरा महंगाई दर 6.95 फीसदी रहा था. ऐसा हुआ तो खुदरा महंगाई का 18 महीनो में सबसे उच्चतम स्तर होगा. साथ ही आरबीआई के 6 फीसदी के टोलरेंस लेवल से बहुत ज्यादा होगा. अप्रैल में मॉनिटरी पॉलिसी का ऐलान करते हुए आरबीआई ने 2022-23 में महंगाई दर 5.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. 

महंगे ईंधन से बढ़ रही महंगाईरूस - यूक्रेन युद्ध के चलते कच्चे तेल के दामों में उछाल देखने को मिला है. 22 मार्च 2022 से सरकारी तेल कंपनियों ने ईंधन के दाम बढ़ाने शुरू किए जिसके बाद से पेट्रोल डीजल 10 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है. महंगे डीजल का मतलब है महंगा ट्रांसपोर्टेशन. इसके चलते कई वस्तुओं की कीमतों में उछाल देखने को मिला है. तो एक अप्रैल से घरेलू प्रॉकृतिक गैस के दामों में दोगुनी बढ़ोतरी कर दी गई है जिसके चलते पीएनजी से लेकर पीएनजी महंगा हो चुका है. रूस - यूक्रेन युद्ध के चलते खाने के तेल से लेकर कई वस्तुएं महंगी हुई है. 

खुदरा महंगाई दर में इजाफे से महंगा होगा कर्ज4 मई को आरबीआई ने रेपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी करने का ऐलान किया था. इसके अलावा सेंट्रल बैंक ने कैश रिजर्व रेशियो यानि सीआरआर में भी 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर दी. इसका असर ये हुआ कि एक के बाद एक बैंक से लेकर हाउसिंग फाइनैंस कंपनियां होम लोन से लेकर दूसरे सभी तरह के लोन महंगे करते जा रहे हैं तो लोन ले चुके पुराने ग्राहकों की ईएमआई महंगी होती जा रही है. और अप्रैल महीने के लिए खुदरा महंगाई दर का आंकड़ा 7.5 फीसदी के पार गया तो जून महीने में द्विमासिक कर्ज नीति समीक्षा के दौरान आरबीआई फिर से कर्ज महंगा करने का ऐलान कर सकता है. यानि रेपो रेट और भी बढ़ाया जा सकता है. 

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