Retail Inflation Increases: खाने पीने की चीजों की बढ़ती कीमतों ( High Food Prices) और महंगे ईंधन ( High Fuel Prices ) के चलते  खुदरा महंगाई दर ( Retail Inflation Data) के आंकड़ा 18 महीने के उच्चतम स्तर पर जा पहुंचा है. अप्रैल महीने में खुदरा महंगाई दर का आंकड़ा 7 फीसदी के पार जा पहुंचा है. सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़े के मुताबिक अप्रैल 2022 में  में खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation ) 7.79 फीसदी रहा है. जबकि मार्च 2022 में खदुरा महंगाई दर 6.95 फीसदी रहा था. इससे पहले 7 फीसदी से ज्यादा खुदरा महंगाई दर सितंबर 2020 में 7.34 फीसदी रहा था.    


खुदरा महंगाई दर 18 महीने के उच्चतम स्तर पर
खुदरा महंगाई दर 7.50 फीसदी से भी ऊपर 7.79 फीसदी पर जा पहुंचा है जो आरबीआई के महंगाई दर के तय किए अपर लिमिट 6 फीसदी से बहुत ज्यादा है. अप्रैल में मॉनिटरी पॉलिसी का ऐलान करते हुए आरबीआई ने 2022-23 में महंगाई दर 5.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया था. एनएसओ के डाटा के मुताबिक शहरी इलाकों में महंगाई में जबरदस्त बढ़ोतरी आई है. मार्च 2022 में शहरी इलाकों में खुदरा महंगाई दर 8.38 फीसदी रहा है, जबकि ग्रामीण इलाकों में खुदरा महंगाई दर 7.09 फीसदी रहा है. 


महंगे ईंधन ने बढ़ाई महंगाई 
रूस - यूक्रेन युद्ध के चलते कच्चे तेल के दामों में उछाल देखने को मिला है. 22 मार्च 2022 से सरकारी तेल कंपनियों ने ईंधन के दाम बढ़ाने शुरू किए जिसके बाद से पेट्रोल डीजल 10 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है. महंगे डीजल का मतलब है महंगा ट्रांसपोर्टेशन. इसके चलते कई वस्तुओं की कीमतों में उछाल देखने को मिला है. तो एक अप्रैल से घरेलू प्रॉकृतिक गैस के दामों में दोगुनी बढ़ोतरी कर दी गई है जिसके चलते पीएनजी से लेकर पीएनजी महंगा हो चुका है. रूस - यूक्रेन युद्ध के चलते खाने के तेल से लेकर कई वस्तुएं महंगी हुई है. महंगे डीजल के चलते ट्रांसपोर्टर्स ने 10 फीसदी तक माल भाड़ा बढ़ा दिया है. माल ढुलाई के चलते भी महंगाई बढ़ी है. 



महंगी हुई खाने पीने की चीजें 
अप्रैल महीने में खाने पीने की चीजों की महंगाई दर में जबरदस्त उछाल आया है. अप्रैल में खाद्य महंगाई दर 8.38 फीसदी रहा है जबकि मार्च में खाद्य महंगाई 7.68 फीसदी रहा था.  फूड बास्केट में बढ़ोतरी वजह  खाने के तेल के दामों में बढ़ोतरी है. साग-सब्जियों की कीमतों में फीसदी की बढ़ोतरी आई है तो मीट और मछली के दामों में फीसदी की उछाल आई है.  



खुदरा महंगाई दर में इजाफे से महंगा होगा कर्ज
4 मई को आरबीआई ने रेपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी करने का ऐलान किया था. इसके अलावा सेंट्रल बैंक ने कैश रिजर्व रेशियो यानि सीआरआर में भी 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर दी. इसका असर ये हुआ कि एक के बाद एक बैंक से लेकर हाउसिंग फाइनैंस कंपनियां होम लोन से लेकर दूसरे सभी तरह के लोन महंगे करते जा रहे हैं तो लोन ले चुके पुराने ग्राहकों की ईएमआई महंगी होती जा रही है. और अप्रैल महीने के लिए खुदरा महंगाई दर का आंकड़ा 7.5 फीसदी के पार गया तो जून महीने में द्विमासिक कर्ज नीति समीक्षा के दौरान आरबीआई फिर से कर्ज महंगा करने का ऐलान कर सकता है. यानि रेपो रेट और भी बढ़ाया जा सकता है. 


ये भी पढ़ें


Stock Market Closing: ग्लोबल संकेतों के चलते शेयर बाजार धड़ाम, सेंसेक्स 1158 और निफ्टी 359 अंक गिरकर हुआ बंद


India Best CEO: जानिए कौन है सलिल पारेख, जिन्होंने चार साल में कर दिया Infosys का कायाकल्प?