Retail Inflation Data: आम आदमी पर एक बार फिर से महंगाई का बोझ बढ़ा है. जनवरी 2023 में खुदरा महंगाई दर एक बार फिर 6 ही नहीं बल्कि साढ़े छह फीसदी के पार जा पहुंची है. जनवरी 2023 में खुदरा महंगाई दर बड़ी उछाल के साथ 6.52 फीसदी पर जा पहुंची है. जबकि दिसंबर 2022 में खुदरा महंगाई दर 5.72 फीसदी रही थी. जनवरी 2022 में खुदरा महंगाई दर 6.01 फीसदी रही थी. 


खुदरा महंगाई में बढ़ोतरी की ये है वजह


खुदरा महंगाई दर में इजाफे के कारणों पर गौर करें तो जनवरी में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 5.94 फीसदी पर जा पहुंची है जो दिसंबर 2022 में 4.19 फीसदी रही थी. यानि खाने-पीने की चीजें जनवरी में महंगी हुई है. जनवरी 2022 में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 5.43 फीसदी रही थी. जनवरी 2023 में महंगे दूध का असर खुदरा महंगाई दर पर नजर आ रहा है. दूध और उससे बनने वाले प्रोडक्ट्स की महंगाई दर 8.79 फीसदी रही है. मसाले भी महंगे हुए हैं और उसी महंगाई दर 21.09 फीसदी रही है. सीरल्स और प्रोडक्टस की महंगाई दर 16.12 फीसदी रही है. जबकि मीट और मछली की महंगाई दर 6.04 फीसदी, अंडे की 8.78 फीसदी रही है. साग-सब्जियों की महंगाई दर नेगेटिव में है और ये -11.70 फीसदी रही है. फलों की महंगाई दर 2.93 फीसदी रही. दालों की महंगाई दर 4.27 फीसदी रही है. 


कर्ज हो सकता है और महंगा!


खुदरा महंगाई दर का बढ़ना खतरे की घंटी है. इससे पहले नवंबर और दिसंबर 2022 में खुदरा महंगाई दर के टोलरेंस बैंड 6 फीसदी के नीचे आ गया था. इसके बावजूद आरबीआई ने 8 फरवरी 2023 को रेपो रेट में एक चौथाई फीसदी की बढ़ोतरी कर उसे 6.50 फीसदी कर दिया. अब जब फिर से खुदरा महंगाई दर आरबीआई के टोलरेंस बैंड के बाहर जा पहुंचा है तो फिर से कर्ज के और महंगे होने का खतरा बढ़ गया है. अप्रैल 2023 में आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक होगी जिसमें रेपो रेट पर फैसला लिया जाएगा. 


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