RBI Repo Rate May Hike Again: भारतीय रिजर्व बैंक एक बार फिर रेपो रेट में बढ़ोतरी की ओर देख रहा है. महंगाई दर को कम करने के लिए देश का केंद्रीय बैंक एक फिर बढ़ोतरी का फैसला ले सकता है. गर्वनर शक्तिकांत दास समेत छह सदस्यीय पैनल इस सप्ताह के अंत में वित्त वर्ष 2024 की पहली पहली मौद्रिक नीति का एलान करेगा और एक बार फिर 25 बीपीएस की रेपो रेट में बढ़ोतरी कर सकता है. मौद्रिक नीति समिति की आगामी समीक्षा बैठक 3, 5 और 6 अप्रैल को होगी. चार अप्रैल को महावीर जयंती के कारण बैठक नहीं होगी.


कई एक्सपर्टस का मानना है कि आरबीआई की ये बढ़ोतरी अंतिम होगी. आरबीआई पिछले साल मई से अभी तक 250 बेसिस प्वाइंट रेपो रेट में इजाफा कर चुका है. रिजर्व बैंक ने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत रखने और महंगाई दर को कम करने के लिए दरों में इजाफा कर चुका है. अभी आरबीआई का रेपो रेट 6.50 फीसदी है.  


दो महीने से सीपीआई महंगाई दर 6 फीसदी से ज्यादा 


आखिरी बार केंद्रीय बैंक ने 8 फरवरी को पिछली बैठक में रेपो रेट में 25 बीपीएस का इजाफा किया था. इससे पहले दिसंबर 2022 में 35 बीपीएस की बढ़ोतरी की थी. फरवरी 2023 में भारत की सीपीआई मुद्रास्फीति 6.44 फीसदी पर थी, हालांकि ये उम्मीद से ज्यादा थी. ये लगातार दूसरा महीना था जब नवंबर और दिसंबर के बीच महंगाई दर कम होने के बाद 6 फीसदी से ज्यादा रही है. 


लोगों पर पड़ रहा ईएमआई का बोझ 


रेपो रेट में इजाफा होने से बैंकों ने लोन का ब्याज भी बढ़ाया है, जितनी बार आरबीआई रेपो रेट में इजाफा हुआ है, उतनी बार बैंकों ने लोन के ब्याज में इजाफा किया है. बैंकों ने करीब 2.50 फीसदी तक लोन का ब्याज बढ़ाया है. ऐसे में लोगों पर मंथली किस्त का दबाव बढ़ा है और अगर इस बार भी आरबीआई रेपो रेट में इजाफा करता है तो बैंकों की ईएमआई और ज्यादा बढ़ जाएगी. 


ग्लोबल स्तर पर भी बढ़ रही महंगाई 


मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के अलावा यूएस और ब्रिटेन जैसे केंद्रीय बैंक ने भी अपनी दरों में इजाफा किया है. इन देशों में भी महंगाई को कंट्रोल करने के लिए कई बार दरें बढ़ाई गई हैं. उदाहरण के लिए यूएस फेडरल रिजर्व ने अपनी मार्च ओपन मार्केट कमेटी की बैठक में पिछले कई समीक्षाओं में हुई बढ़ोतरी के डेटा की बारीकी से निगरानी कर रहा है. 


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