ट्रस्टियों के साथ विवादों के कारण हाल ही में टाटा ट्रस्ट के शक्तिशाली बोर्ड से हटाए गए मेहली मिस्त्री अब मुंबई के प्रतिष्ठित नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स (एनसीपीए) की गवर्निंग काउंसिल से भी अलग हो गए हैं. मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, अब मिस्त्री की जगह एनसीपीए काउंसिल में टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी विजय सिंह को शामिल किया जाएगा.
मिस्त्री एनसीपीए काउंसिल में सर डोराबजी टाटा ट्रस्ट के नामित सदस्य थे और जहांगीर एच. जहांगीर तथा प्रमीत झावेरी जैसे अन्य ट्रस्ट प्रतिनिधियों के साथ अपनी सेवाएं दे रहे थे. टाटा ट्रस्ट से बाहर होने के बाद उन्होंने अब एनसीपीए काउंसिल से भी इस्तीफा दे दिया है. मेहली मिस्त्री लंबे समय से टाटा समूह से जुड़े रहे हैं.
एनसीपीए काउंसिल में चेयरमैन और मेंबर-इन-चार्ज के. एन. सनटूक, वाइस प्रेसिडेंट नोएल टाटा तथा महाराष्ट्र सरकार के कई नामांकित सदस्य शामिल हैं. उल्लेखनीय है कि वर्ष 1969 में टाटा ट्रस्ट के सहयोग से तत्कालीन टाटा समूह के चेयरमैन जे. आर. डी. टाटा द्वारा नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स की स्थापना की गई थी.
एनसीपीए का औपचारिक उद्घाटन 1970 में हुआ और यह समय के साथ देश के सबसे प्रतिष्ठित सांस्कृतिक संस्थानों में से एक बन गया. गौरतलब है कि टाटा संस में टाटा ट्रस्ट की बड़ी हिस्सेदारी है और यह समूह के प्रमुख निर्णयों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. ऐसे में मेहली मिस्त्री का पद से हटना चर्चा का विषय रहा, क्योंकि वे वर्षों से ट्रस्ट से जुड़े थे और स्वर्गीय रतन टाटा के साथ उनके संबंध भी काफी करीबी माने जाते थे.
ट्रस्ट से हटने के बाद मिस्त्री ने बोर्ड ऑफ द स्मॉल एनिमल हॉस्पिटल ट्रस्ट से भी इस्तीफा दे दिया. यह चैरिटेबल रतन टाटा की तरफ से एडवांस्ड वेटिनरी केयर पर फोकस कर शुरू किया गया था. अपने इस्तीफा में मिस्त्री ने यह कहा कि अब जबकि वह टाटा ट्रस्ट के साथ नहीं जुड़े हैं, अब उनकी इस भूमिका में रहना ठीक नहीं होगा.
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