No Relief From High EMI: अगस्त महीने के दूसरे हफ्ते यानि 10 अगस्त 2023 को आरबीआई मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक के बाद लिए गए फैसले का ऐलान का करेगा. और माना जा रहा है कि आरबीआई इस बैठक में अपने पॉलिसी रेट्स यानि रेपो रेट में कोई बदलाव ना करे. यानि रेपो रेट 6.50 फीसदी के मौजूदा स्तर पर होल्ड किया जा सकता है. एचएसबीसी ने भी अपनी रिपोर्ट में यही कहा है. 


नहीं मिलेगी महंगी EMI से राहत!


आरबीआई के इस फैसले के उन लोगों को सबसे ज्यादा झटका लगने वाला है जो महंगी ईएमआई से राहत मिलने की उम्मीदें पाले हुए थे. मई महीने में खुदरा महंगाई दर जब घटकर 4.25 फीसदी पर आ गया तो इस बात की उम्मीद बंधने लगी कि आने वाले दिनों में कर्ज के सस्ते होने के दौर की शुरुआत हो सकती है. लेकिन जून महीने के आंकड़े जब घोषित हुए तो उसमें खुदरा महंगाई दर का आंकड़ा 50 बेसिस प्वाइंट से ज्यादा के उछाल के साथ 4.81 फीसदी पर जा पहुंची. इसके बाद से ही महंगे ईएमआई के राहत की उम्मीदों पर पानी फिरने लगा. 


खाने-पीने की चीजों की महंगाई ने बढ़ाई आफत


जून महीने में असमान बारिश के चलते टमाटर की कीमतों में 400 फीसदी का उछाल देखा गया और कई स्थानों पर 250 रुपये किलो टमाटर मिल रहा था. असमान बारिश, बाढ़ और देरी से मानसून के आने के चलते खरीफ फसल की बुआई पर अलग अलग राज्यों में असर पड़ा है. इसके चलते चावल की कीमतों में तेज उछाल देखने को मिला है. सरकार ने ऐतियातन गैर-बासमती चावल के निर्यात पर रोक लगा दिया है. अरहर दाल की कीमतों आसमान छू रही है. खुदरा बाजार में अरहर दाल 180 से 200 रुपये प्रति किलो में मिल रहा है. गेहूं की कीमतों में भी इजाफा देखा जा रहा है. गेहूं के एक्सपोर्ट पर बैन सरकार ने जारी रखा है. अगले वर्ष लोकसभा चुनाव है ऐसे में सरकार कोई जोखिम नहीं लेना चाहती. 


नहीं खत्म हुआ महंगाई के खिलाफ जंग


खाद्य महंगाई में तेजी बनी रह सकती है. उसपर से रूस और यूक्रेन के तनाव के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में बीते एक हफ्ते में गेहूं की कीमतों में तेज उछाल देखने को मिला है. खाने के तेल के दामों में फिर से बढ़ोतरी देखी जा रही है. ऐसे में महंगाई में तेजी जारी रहने के चलते महंगी ईएमआई से राहत मिलने की संभावनाएं अब धुमिल होती जा रही है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास कई बार इस बात को दोहरा चुके हैं कि महंगाई के खिलाफ युद्ध अभी खत्म नहीं हुआ है. और अब जबकि फिर से महंगाई डायन ने अपना मुंह खोलना शुरू कर दिया है. तो 8 से 10 अगस्त तक होने वाली आरबीआई मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक से कोई राहत की उम्मीद करना बेमानी होगी. 


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