देश की सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज रिटेल बिजनेस में आक्रामक तरीके से कारोबार का विस्तार कर रही है. यह बिजनेस रिलायंस रिटेल लिमिटेड के नाम से हो रहा है, जिसे ईशा अंबानी लीड कर रही हैं. पिछले वित्त वर्ष के दौरान रिलायंस रिटेल ने कारोबार का तेजी से विस्तार किया और उसके वित्तपोषण के लिए कर्ज उठाया. एक रिपोर्ट के अनुसार, कारोबार विस्तार के आक्रामक अभियान के चलते ईशा अंबानी की अगुवाई वाली कंपनी का कुल कर्ज पिछले वित्त वर्ष के दौरान नई ऊंचाई पर पहुंच गया.


2 करोड़ से भी कम था कर्ज


रिलायंस रिटेल लिमिटेड की हालिया सालाना रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान बैंकों से 32,303 करोड़ रुपये का कर्ज लिया. रिलायंस रिटेल लिमिटेड के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष के दौरान लिए गए कुल कर्ज में 19,243 करोड़ रुपये नॉन-करेंट, लॉन्ग टर्म, बॉरोइंग्स कैटेगरी के थे. साल भर पहले यानी वित्त वर्ष 2021-22 के अंत में रिलायंस रिटेल के ऊपर बैंकों का कुल कर्ज महज 1.74 करोड़ रुपये था.


एक साल में 73 फीसदी वृद्धि


रिलायंस रिटेल लिमिटेड ने अपनी होल्डिंग कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड से भी लॉन्ग टर्म डेट के रूप में 13,304 करोड़ रुपये लिए हैं. इस तरह अब रिलायंस रिटेल लिमिटेड के ऊपर कुल कर्ज बढ़कर 70,943 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. यह आंकड़ा एक साल पहले की तुलना में 73 फीसदी ज्यादा है. कंपनी ने डेट रूट से मिली इस फंडिंग का इस्तेमाल मुख्य तौर पर कारोबार को बढ़ाने में किया है, जिनमें स्टोर-आउटलेट खोलने के अलावा नए ब्रांडों का अधिग्रहण शामिल है.


साल भर में खुले इतने नए स्टोर


आंकड़े बताते हैं कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान रिलायंस रिटेल लिमिटेड ने 3,300 से ज्यादा नए आउटलेट ओपन किया. इस तरह मार्च 2023 तक कंपनी के आउटलेटों की कुल संख्या बढ़कर 18 हजार के पार पहुंच गई. इकोनॉमिक टाइम्स की एक हालिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि रिलायंस रिटेल लिमिटेड के नए आउटलेट खुलने की रफ्तार इस साल भी बरकरार रहने की उम्मीद है, क्योंकि कंपनी देश के उन छोटे शहरों पर फोकस कर रही है, जहां अभी मॉडर्न रिटेल की सही से पहुंच नहीं हो पाई है.


इस तरह से बढ़े हैं कंपनी के एसेट


रिलायंस रिटेल लिमिटेड की सालाना रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी के नॉन-करेंट एसेट वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 96 फीसदी बढ़कर 79,357 करोड़ रुपये पर पहुंच गए. उनमें प्रॉपर्टी, प्लांट और इक्विपमेंट का हिस्सा तो साल भर पहले से 180 फीसदी बढ़कर 39,311 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. इससे पता चलता है कि कंपनी ने जुटाए गए कर्जों का इस्तेमाल आक्रामक विस्तार योजना पर किया है. कंपनी का डेट-टू-इक्विटी रेशियो वित्त वर्ष 2021-22 में 1.35 फीसदी था, जो बढ़कर वित्त वर्ष 2022-23 में 1.91 फीसदी पर पहुंच गया.


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