रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) को जल्दी ही टैक्सेशन के मामले में बड़ी राहत मिलने वाली है. जीएसटी काउंसिल रेरा को अप्रत्यक्ष कर के भुगतान से छूट दे सकती है. इस बारे में फैसला लिया जा चुका है और जल्दी ही इसका आधिकारिक ऐलान हो सकता है.


बातचीत के बाद लिया गया टैक्सेशन पर निर्णय


न्यूज एजेंसी पीटीआई ने रविवार को अधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया कि रेरा को जीएसटी से छूट मिलने वाली है. रेरा पर टैक्सेशन को लेकर डिस्कशंस के बाद जीएसटी का भुगतान करने की जरूरत से छूट दिए जाने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए रेरा के प्रतिनिधियों के साथ उनके काम करने के नेचर पर बातचीत की गई. उसके बाद इस निर्णय पर पहुंचा गया.


इस कारण हुआ रेरा का गठन


रियल एस्टेट सेक्टर के नियामक रेरा का गठन केंद्र सरकार ने कुछ ही साल पहले किया था. इस संबंध में रेरा एक्ट यानी रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट एक्ट को मार्च 2016 में पास किया था. इसका उद्देश्य देश भर में रियल एस्टेट प्रोजेक्ट को लेकर पारदर्शिता लाना है. कानून के तहत सभी राज्यों में रेरा का गठन किया गया है. रेरा से ग्राहकों खासकर घर खरीदारों के हितों की सुरक्षा और विवादों का तेजी से निवारण संभव होता है.


अगले महीने जीएसटी काउंसिल की बैठक


जीएसटी काउंसिल की बैठक जल्द ही होने वाली है. जीएसटी को लेकर सारे निर्णय जीएसटी काउंसिल के द्वारा ही लिए जाते हैं. काउंसिल की पिछली बैठक अक्टूबर 2023 में हुई थी. ऐसा कहा जा रहा है कि आने वाले महीनों में लोकसभा चुनावों के ऐलान से पहले जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक हो सकती है. अगले महीने चुनावों का ऐलान संभव है, जिसके बाद देश में आचार संहिता लग जाएगी. मतलब अगले महीने ऐलान से पहले काउंसिल की बैठक हो सकती है.


वित्त मंत्री की अध्यक्षता में होगी बैठक


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की होने वाली बैठक रेरा को जीएसटी से छूट का आधिकारिक ऐलान किया जा सकता है. दरअसल डिस्कशन में इस निष्कर्ष पर पहुंचा गया कि रेरा से जीएसटी वसूलने का मतलब राज्य सरकारों से टैक्स वसूलना है, क्योंकि राज्य सरकारें ही अपने-अपने राज्यों के संबंधित रेरा को फंड करती हैं.


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