Budget 2023-24: साल 2022 रियल एस्टेट सेक्टर के लिए शानदार रहा है. कंपनियों ने घरों की कीमतों में भारी इजाफा किया तो आरबीआई के रेपो रेट बढ़ाने के चलते होम लोन की ईएमआई महंगी हुई है इसके बावजूद हाउसिंग डिमांड बढ़ी है. और रियल एस्टेट के जानकारों का मानना है कि आने वाले वर्ष 2023 भी रियल एस्टेट के लिए शानदार रहने वाला है और अगर एक फऱवरी 2023 को पेश होने वाले बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण रियल एस्टेट सेक्टर्स के साथ होम बायर्स को थोड़ी सौगात दे दें तो सेक्टर के व्यारे न्यारे हो जाए. 


5 लाख तक के ब्याज पर मिले टैक्स छूट


रियल एस्टेट बिल्डर्स  की फेडरेशन क्रेडाई (Credai) ने वित्त मंत्री को बजट में अपनी मांग की फेहरिस्त सौंपी है. रियल एस्टेट डेवलपर्स ( Real Estate Developers) ने एक फरवरी 2022 को पेश होने वाले बजट ( Union Budget) में वित्त मंत्री ( Finance Minister) निर्मला सीतारमण ( Nirmala Sitharaman) से होम लोन ( Home Loan) पर टैक्स छूट ( Tax Deduction) की सीमा को मौजूदा 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की मांग की है. क्रेडाई का कहना है कि कमरतोड़ महंगाई, लगातार रेपो रेट में बढ़ोतरी जिसके बाद महंगी ईएमआई से लोगों का बजट प्रभावित हुआ है ऐसे में होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाया जाना चाहिए.  बिल्डरों ने वित्त मंत्री अफोर्डेबल हाउसिंग ( Affordable Housing) के दायरे को बढ़ाने और रियल एस्टेट पर लॉन्ग टर्म टैपिटल गेन टैक्स ( LTCG Tax) को घटाने की भी मांग की है. 


अफोर्डेबल हाउसिंग के दायरे में हो बदलाव


अफोर्डेबल हाउसिंग ( Affordable Housing) के दायरे को बढ़ाने की मांग करते हुए क्रेडाई ने कहा है कि नॉन मेट्रो शहरों में 75 लाख रुपये और मेट्रो में 1.50 करोड़ रुपये के घर को अफोर्डोबल हाउसिंग के कैटगरी में शामिल किया जाना चाहिए. इसके अलावा गैर मेट्रो में अफोर्डेबल घरों की साइज को 90 मीटर और गैर मेट्रो शहरों में 120 मीटर किया जाना चाहिए. क्रेडाई के मुताबिक घर बनाने की लागत में बढ़ोतरी और मौजूदा हालात को देखते हुए ये बदलाव जरुरी है जिससे होमबॉयर्स को फायदा होगा. 


रोजगार देता है रियल एस्टेट सेक्टर!


Square Yards के को-फाउंडर और सीईओ पीयबष बोथरा ने कहा कि रियल एस्टेट सेक्टर की देश की आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के साथ रोजगार के अवसर के सृजन में बड़ू भूमिका अदा करता है. उन्होंने कहा कि इस सेक्टर ने लंबे समय की सुस्ती देखने के बाद पटरी पर लौटा है. ऐसे में उसकी सरकार के आने वाले बजट से बहुत उम्मीदें हैं. ब्याज दरों में उछाल के साथ होम लोन के ब्याज पर मिलने वाले टैक्स छूट की सीमा को 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख किया जाना चाहिए. अफोर्डेबल हाउसिंग की सीमा को 45 लाख रुपये से बढ़ाकर 80 लाख रुपये किया जाना चाहिए. 
 


होम लोन के ब्याज पर मिले ज्यादा टैक्स छूट


सिंग्नेचर ग्लोबल के फाउंडर और चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि रियल एस्टेट सेक्टर में रेसिडेंशियल सेगमेंट अर्थव्यवस्था को गति देने में बड़ी भूमिका अदा कर रहा है. उन्होंने कहा कि महंगाई और महंगे कर्ज के मद्देनजर अफोर्डेबल और मिड-सेगमेंट हाउसिंग के होम बायर्स को टैक्स छूट का दायरा बढ़ाया जाना चाहिए.  उन्होंने कहा कि होम लोन के ब्याज के भुगतान पर टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाना चाहिए. अफोर्डेबल सेगमैंट में पूरे ब्याज पर टैक्स छूट दिया जाना चाहिए. 


बजट से उम्मीदें


रियल एस्टेट सेक्टर ने हाउसिंग सेक्टर को इंफ्रास्ट्रक्चर स्टेटस देने की मांग की है जिससे रियल एस्टेट डेवलपर्स को बैंकों से सस्ता कर्ज मिल सके. डेवलपर्स का मानना है कि हाउसिंग सेक्टर के लिए इन ऐलानों का फायदा अर्थव्यवस्था को होगा, रोजगार के अवसर बढ़ाने में मिदद मिलेगी. 


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