Real Estate Sector In India 2022 : अगर आप अपने सपनों का घर खरीदने जा रहे है, तो ये खबर आपके काम की साबित हो सकती है. आप जब भी किसी बड़े शहर में प्रॉपर्टी खरीदने जाते है, तो आपको दो विकल्प मिलते है. इसमें आपको रेडी टू मूव (Ready to Move) या अंडर कंस्ट्रक्शन (Under Construction) प्रॉपर्टी खरीदने का विकल्प मिलता है. अब सवाल यह उठता है कि इन दोनों में से आप अपने लिए किसे ख़रीदे, जिसमें आपको भारी नुकसान न झेलना पड़े और आपको प्रॉपर्टी अपने मन मुताबिक भी मिल सके.


लोगो को अटका हुआ पैसा 
घर या फ्लैट खरीदने से पहले हर व्यक्ति को इस तरह का कंफ्यूजन बना रहता है. पिछले कुछ सालों में कई कारणों से बड़े हाउसिंग प्रोजेक्ट्स अटके पड़े हैं. घर खरीदारों की जिंदगीभर की कमाई इसमें अटकी हुई है. ऐसे में ना घर मिल रहा है ना पैसा. जिसके बाद लोगो में भय का माहौल बना हुआ है. 


फायदे और नुकसान 
आपको बता दें कि रेडी टू मूव और अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी में कुछ बेसिक अंतर है, जो आपको समझने चाहिए, इसमें कुछ फायदे और नुकसान आपको जरूर देखने चाहिए. इसके बाद आप आसानी से फैसला कर सकते है. रेडी टू मूव यानी पूर्ण रूप से तैयार प्रॉपर्टी की कीमत निर्माणाधीन फ्लैट से ज्यादा होती है. हालांकि, इन दोनों तरह के विकल्पों के अपने कुछ फायदे और नुकसान हैं. आप कुछ बातों को ध्यान रखकर समझ सकते है. 



  • रेडी टू मूव और अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी के विकल्प खरीदार की जरूरत और परिस्थितियों के आधार पर उपयुक्त हो सकते हैं. अगर आप दुविधा में हैं तो इससे जुड़ी बेहतर समझ के लिए कुछ पहलुओं पर गौर करके बेहतर निर्णय ले सकते हैं.

  • आम तौर पर एक समान आकार और सुविधाओं के साथ मिलने वाली रेडी टू मूव और अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी की कीमत में बड़ा अंतर होता हैं.

  • निर्माणाधीन अपार्टमेंट में रेडी टू मूव अपार्टमेंट की लागत 10 से 30 फीसदी अधिक होती है. जिसके कारण घर खरीदार या निवेश के उद्देश्य से लोग अंडर कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स में निवेश करते हैं.

  • आप ऐसे समझे कि कोई रेडी-टू-मूव अपार्टमेंट 75 लाख रुपए में मिल रहा है, लेकिन इस तरह का अंडर कंस्ट्रक्शन फ्लैट आपको 50 लाख से लेकर 65 लाख रुपये में मिल जाता है. क्योंकि जैसे-जैसे प्रॉपर्टी बनकर तैयार होगी, इसके दाम बढ़ जाते हैं.

  • रेडी टू मूव अपार्टमेंट के कब्जे में देरी नहीं होती. आप तुरंत शिफ्ट कर सकते हैं. 

  • अगर आप निर्माणाधीन अपार्टमेंट खरीदने जा रहे हैं, तो इसका पजेशन तय समय पर मिल पाएगा या नहीं, ये कहना निश्चित तौर पर थोड़ा मुश्किल है.

  • अगर आप किराये के मकान में हैं और लोन लेकर रेडी-टू-मूव-इन प्रॉपर्टी खरीदते हैं, तो आपको किराये से राहत मिल जाती है, और किराया ईएमआई में बदल जाता है.


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