RBI MPC Meet November 2022: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने आज बैठक में बताया कि देश में महंगाई को 6 फीसदी से कम रखने में बैंक नाकाम रहा है. आरबीआई ने 3 नवंबर को बताया कि मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (Monetary Policy Committee) की एक अलग बैठक हुई है. उसमें उस रिपोर्ट के ड्राफ्ट पर चर्चा हुई है, जिसे केंद्रीय बैंक सरकार को भेजने वाला है. यह बैठक RBI Act, 1934 के सेक्शन 45ZN और आरबीआई एमपीसी एंड मॉनिटरी पॉलिसी प्रोसेस रेगुलेशंस-2016 (RBI MPC & Monetary Policy Process Regulations) के प्रावधानों के तहत हुई है. 


1 महीने में सरकार को भेजेगी रिपोर्ट 


अब केंद्र सरकार को RBI बताएगी कि वह इनफ्लेशन को काबू में क्यों नहीं रख पाया है. RBI के नियम के तहत केंद्रीय बैक को इनफ्लेशन टारगेट हासिल करने में नाकाम रहने की तारीख से 1 महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजनी होती है. सितंबर के इनफ्लेशन के डेटा 12 अक्टूबर को जारी किए गए थे. इससे इनफ्लेशन को काबू में लाने की आरबीआई की कोशिशें नाकाम रहने की पुष्टि हो गई.


2 साल में 4 फीसदी पर आने की उम्मीद 


आपको बता दें कि केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 2 साल में इनफ्लेशन के 4 फीसदी पर आने की उम्मीद की है. आरबीआई की अगली मॉनिटरी पॉलिसी 7 दिसंबर को आएगी. एमपीसी की बैठक अगले महीने की 5 तारीख को शुरू होगी. 


35-50 बेसिस प्वॉइंट्स बढ़ा 


मिराए एसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स (Mirae Asset Investment Managers) के चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर (Fixed Income) महेंद्र कुमार जाजू का कहना है कि आरबीआई मॉनिटरी पॉलिसी की अगली बैठक में इंटरेस्ट रेट 35-50 बेसिस प्वॉइंट्स बढ़ा सकता है. इससे पहले वह डोमेस्टिक और ग्लोबल फैक्टर्स को देखेगा. फेडरल रिजर्व के इंटरेस्ट रेट 0.75 फीसदी बढ़ाने का असर RBI के फैसले पर होगा.


ये सदस्य रहे मौजूद 


इस मीटिंग की अध्यक्षता आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने की हैं. इसमें एमपीसी (MPC) के सभी सदस्य-माइकल देबब्रत पात्रा (Michael Debabrata Patra), राजीव रंजन (Rajeev Ranjan), शशांक भिडे (Shashank Bhide) , अशिमा गोयल (Ashima Goyal) , जयंत आर वर्मा (Jayant R.Verma) शामिल हुए हैं. आरबीआई लगातार 3 तिमाहियों में इनफ्लेशन को 6 फीसदी से कम रखने में नाकाम रहा है. 


ये है नियम 


RBI नियमों के अनुसार, मंहगाई को बढ़ने से रोकने में नाकाम होने पर आरबीआई बैंक को केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट भेजनी होगी. इस रिपोर्ट में RBI को बताना होगा कि इनफ्लेशन पर कब तक काबू हो जाएगा. सितंबर माह में रिटेल इनफ्लेशन बढ़कर 7.41 फीसदी पर पहुंच गया है. 


क्या रहा असर 


आरबीआई ने इनफ्लेशन के लिए 2-6 फीसदी बैंड तय किया है. पिछली 3 तिमाहियों से रिटेल इनफ्लेशन इस बैंड के बाहर है. केंद्रीय बैंक का कहना है कि इस वित्त वर्ष में एवरेज इनफ्लेशन 6.7 फीसदी रह सकता है. इसके बाद इसके अगले साल अप्रैल-जून में 5 फीसदी पर आ जाने की उम्मीद है. यह आरबीआई के टारगेट बैंड के करीब होगा.


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