RBI Monetary Policy: देश में यूपीआई के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया लगातार प्रयासरत रहा है. यही वजह है कि हर महीने यूपीआई ट्रांजेक्शन की संख्या बढ़ती ही जा रही है. आरबीआई ने यूपीआई में ऑफलाइन ट्रांजेक्शन से लेकर आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (AI) के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया है. आरबीआई गवर्नर (RBI Governor) शक्तिकांत दास (ShaktiKant Das) ने शुक्रवार को मॉनिटरी पॉलिसी मीटिंग के ऐलान में बताया कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है. साथ ही उन्होंने हॉस्पिटल और शिक्षा संस्थानों में यूपीआई ट्रांजेक्शन की सीमा बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने की भी घोषणा कर दी.

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हॉस्पिटल और शिक्षा संस्थानों में कर सकेंगे ज्यादा भुगतान 

आरबीआई के नए फैसले के बाद हॉस्पिटल और शिक्षा संस्थानों में अब यूपीआई की मदद से ज्यादा पेमेंट किया जा सकेगा. नई नीति के अनुसार, अब इन जगहों पर प्रति ट्रांजेक्शन एक लाख के बजाय 5 लाख रुपये तक का भुगतान यूपीआई से किया जा सकेगा. इस फैसले से इन संस्थानों में यूपीआई के इस्तेमाल को बढ़ावा मिलेगा. अस्पतालों के बिल और स्कूल-कॉलेजों फीस जमा करने में होने वाली असुविधा कम हो जाएगी.  

लोन की ईएमआई पर कोई राहत नहीं

रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति में रेपो रेट और दूसरी नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. इस तरह लोन की ईएमआई पर कोई राहत नहीं मिली मिलेगी. आरबीआई की मौद्रिक नीति में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं होने से बैंकों को समान दरों पर लोन मिलता रहेगा. ये लगातार चौथी बार है, जब रिजर्व बैंक ने अपनी नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया.

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5.40 फीसदी रहेगी महंगाई दर

शक्तिकांत दास ने वित्त वर्ष 2024 में देश में रिटेल महंगाई दर 5.40 फीसदी ही रहने का अनुमान जताया है. अगस्त, 2023 में आरबीआई ने महंगाई दर के अनुमान को 5.40 फीसदी कर दिया था. पिछले कुछ वक्त में खाने-पीने की चीजों के दाम में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है. साथ ही कच्चे तेल की कीमतों में भी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है. इसके बावजूद आरबीआई ने महंगाई दर का अनुमान नहीं बढ़ाया है. दास ने कहा कि खाद्य महंगाई दर में बढ़ोतरी के पीछे सप्लाई चेन जैसे कई अन्य कारण भी शामिल हैं. केंद्रीय बैंक ने महंगाई पर प्रोजेक्शन देते हुए वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में मुद्रास्फीति दर 5.6 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.20 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. 

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