RBI Action on Cooperative Banks: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पांच कोऑपरेटिव बैंकों नियमों के उल्लंघन के चलते सख्त कार्रवाई की है. इनमें से उत्तर प्रदेश के एक बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है. साथ ही चार बैंकों पर जुर्माना लगाया गया है. आरबीआई ने उत्तर प्रदेश के सीतापुर में स्थित अर्बन कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (Urban Cooperative Bank) का लाइसेंस रद्द किया है. आरबीआई के मुताबिक, बैंक के पास न तो संचालन के लिए पर्याप्त पूंजी बची थी, न ही उसकी कमाई की उम्मीद नजर आ रही थी. 


चार कोऑपरेटिव बैंकों पर जुर्माना 


आरबीआई ने चार कोऑपरेटिव बैंकों पर भी जुर्माना लगाया है. इनमें राजर्षि शाहू सहकारी बैंक, प्राथमिक शिक्षक सहकारी बैंक, पाटन कोऑपरेटिव बैंक और डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल बैंक पर आर्थिक जुर्माना भी लगाया है. इनमें से तीन पर 1-1 लाख रुपये और एक कोऑपरेटिव बैंक पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. केंद्रीय बैंक ने बताया कि राजर्षि सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस के नियमों का पालन नहीं कर रहा था. शिक्षक सहकारी बैंक ने नियमों के विरुद्ध जाकर गोल्ड लोन स्वीकृत किए थे. पाटन कोऑपरेटिव केवाईसी नियमों का उल्लंघन कर रहा था और डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल बैंक नाबार्ड की गाइडलाइन की पालन करने में विफल रहा. 


क्यों रद्द हुआ अर्बन कोऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस 


आरबीआई ने कहा कि अर्बन कोऑपरेटिव बैंक को 7 दिसंबर से ही अपना कामकाज बंद करना होगा. साथ कमिश्नर एवं रजिस्ट्रार, उत्तर प्रदेश से अनुरोध किया गया है कि वे बैंक को बंद करने और एक लिक्विडेटर नियुक्त करने के लिए आदेश जारी करें. आरबीआई के मुताबिक, बैंक के पास पर्याप्त पूंजी या कमाई की संभावना नहीं है. इसलिए बैंक का चलना उसके ग्राहकों के हितों के लिए ठीक नहीं है. बैंक अपने ग्राहकों को पूरा भुगतान करने में फेल हो जाएगा.


इतने लोगों का पैसा डूबेगा 


अर्बन कोआपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द होने के बाद अकाउंट में जमा 5 लाख रुपये तक बीमा के तहत मिल जाएंगे. इसमें ब्याज भी शामिल होता है. इससे ज्यादा धनराशि होने पर वह वापस नहीं मिलती. बैंक से मिले आंकड़ों के अनुसार, उसके 98.32 फीसदी ग्राहकों को ही उनका पूरा पैसा मिल पाएगा.


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