Bank Increased Interest rates: भारतीय रिजर्व बैंक (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) की तरफ से रेपो दर में एक बार फिर बढ़ोतरी किए जाने के बाद बैंकों और अन्य फाइनेंशियल संस्थानों ने भी फौरन अपने ऑटो लोन होम लोन और पर्सनल लोन पर ब्याज दरों को बढ़ा दिया है. इसस ये सारे लोन महंगे हो गए हैं.
आईसीआईसीआई बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और देश के प्रमुख होम लोन लेंडर एचडीएफसी लिमिटेड सहित कई बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने अपने ग्राहकों के लिए लोन दरों में वृद्धि करने की घोषणा पिछले दो दिनों में की है.
RBI ने आठ जून को बढ़ाया था रेपो रेटआरबीआई ने आठ जून को अपनी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर में 0.50 फीसदी की बड़ी बढ़ोतरी करने की घोषणा की थी. इसके पहले पिछले महीने चार मई को भी आरबीआई ने बिना किसी पूर्व-निर्धारित योजना के अचानक ही रेपो दर में 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी की थी. इस तरह बहुत कम समय में ही रेपो दर में कुल 0.90 फीसदी बढ़ोतरी की जा चुकी है. अब रेपो दर 4.90 फीसदी हो चुकी है. महंगाई के दबावों से निपटने के लिए आरबीआई ने रेपो दर में बढ़ोतरी का फैसला किया है.
आईसीआईसीआई बैंकइसके फौरन बाद निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक ने रेपो से जुड़ी बाह्य मानक उधारी दर (ईबीएलआर) को 8.10 फीसदी से बढ़ाकर 8.60 फीसदी कर दिया.
PNB सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक ने भी रेपो-संबद्ध उधारी दर (आरएलएलआर) को पहले के 6.90 फीसदी से बढ़ाकर 7.40 फीसदी कर दिया है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी आरएलएलआर को बढ़ाकर 7.40 फीसदी कर दिया है.
HDFC Limitedनिजी क्षेत्र के एचडीएफसी लिमिटेड ने आवास लोन के लिए अपनी खुदरा प्रधान उधारी दर (आरपीएलआर) में भी 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है.
Indian Bankइंडियन बैंक ने आरएलएलआर बढ़ाकर 7.70 फीसदी और बैंक ऑफ इंडिया ने 7.75 फीसदी कर दिया है. चेन्नई स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक ने भी आरएलएलआर को बढ़ाकर 7.75 फीसदी कर दिया है. पुणे स्थित बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने भी तत्काल प्रभाव से आरएलएलआर को 7.20 फीसदी से बढ़ाकर 7.70 फीसदी कर दिया है.
Canara Bankकेनरा बैंक ने सात जून से ही एक वर्षीय एमसीएलआर 7.35 फीसदी से बढ़ाकर 7.40 फीसदी कर दिया था.
SBIदेश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने मौद्रिक नीति की घोषणा से कुछ दिन पहले ही अपने ईबीएलआर को संशोधित किया था.
क्यों रेपो रेट बढ़ने के बाद बढ़ती हैं ब्याज दरेंRBI बैंकों को उनकी लघु अवधि की उधारी जरूरतों के लिए रेपो रेट पर लोन देता है. इस तरह रेपो रेट में बढ़ोतरी करने से बैंकों को आरबीआई से मिलने वाला कर्ज महंगा हो जाता है और फिर वे अपनी तरफ से रिटेल ग्राहकों को दिए जाने वाले लोन पर लगने वाली ब्याज दरें भी बढ़ा देते हैं. एक अक्टूबर 2019 से सभी बैंकों को आरबीआई की रेपो दर या ट्रेजरी बिल प्रतिफल जैसे बाहरी मानक से जुड़ी ब्याज दर पर ही उधार देना होगा. इसकी वजह से बैंकों द्वारा मौद्रिक नीति को अपनाने की रफ्तार तेजी से बढ़ी है. अधिकतर कस्टमर लोन एक वर्षीय एमसीएलआर दर से जुड़े होते हैं. एमसीएलआर सिस्टम एक अप्रैल 2016 से लागू हुआ था.
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