नई दिल्लीः रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल ने बैकों से ब्याज दरों में और कटौती करने का आग्रह किया है. दूसरी और पटेल ने साफ किया कि मुक्ममल तरीके से गिनती होने के बाद ही जमा हुए पुराने नोटों के बारे में जानकारी दी जाएगी.


बजट बाद रिजर्व बैंक के बोर्ड की बैठक के बाद पटेल को उस समय वित्त मंत्री अरूण जेटली का मजबूत सहारा मिला जब नीतिगत ब्याज दर में कमी नहीं किए जाने के फैसले का उन्होंने समर्थन किया. जेटली ने कहा कि सभी वित्त मत्री हमेशा ही ये चाहते हैं कि नीतिगत ब्याज दर में कमी हो, लेकिन इस बारे में रिजर्व बैंक के रुख का वो सम्मान करते हैं. ध्यान रहे कि रिजर्व बैंक गवर्नर की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति ने नोटबंदी के बाद लगातार दूसरी बार नीतिगत ब्याज दर यानी रेपो रेट में कोई कटौती नहीं की. रेपो रेट वो दर है जिसपर केंद्रीय बैंक आम बैंकों को थोड़े समय के लिए कर्ज देते हैं. इस दर में बदलाव, काफी हद तक खुदरा ब्याज दर में बदलाव की दशा-दिशा तय करते हैं.


बैठक के बाद जेटली के साथ मौजूद पटेल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बीते कुछ समय में रेपो रेट में की गयी कटौती के साथ सस्ती दर पर भारी मात्रा में जुटाये जमा का फायदा मिला है. दूसरी ओर, पटेल के मुताबिक, ब्याज दर में औसत कटौती कम रही है. इसीलिए कर्ज पर ब्याज दर में कुछ और कटौती की गुंजायश है. पटेल ने ये भी कहा कि हाउसिंग और पर्सनल लोन जैसे क्षेत्रों में ब्याज दर की कटौती, दूसरे क्षेत्रों की तुलना में काफी ज्यादा है. पटेल ने उम्मीद जतायी कि अब ऐसे क्षेत्रो के लिए ब्याज दर में कमी की जा सकती है.


गौरतलब है कि जनवरी 2015 से सितम्बर 2016 के बीच रिजर्व बैंक ने नीतिगत ब्याज दर में पौने दो फीसदी की कटौती की, वहीं उस दौरान बैकों ने खुदरा ब्याज दर में 60-70 बेसिस प्वाइंट (100 बेसिस प्वाइंट – एक फीसदी) के करीब की कटौती की. बहरहला, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 31 दिसम्बर के राष्ट्र के नाम संबोधन के बाद विभिन्न बैंको ने 90 बेसिस प्वाइंट तक ब्याज दर घटा दिए. बैंक दावा करते हैं कि उन्होंने नीतिगत ब्याज दर के बराबर तक कटौती कर दी, लेकिन रिजर्व बैंक की राय अलग है. ये राय इसीलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि कर्ज देने की रफ्तार 10 फीसदी से भी कम है.


कितने नोट आए
एक अन्य सवाल के जवाब में पटेल ने साफ किया कि नोटबंदी के बाद जमा हुए 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों की गिनती का काम चल रहा है. उन्होंने ये भी कहा कि महज अनुमान जारी नहीं किए जाने चाहिए, बल्कि पूरी तरह से सत्यापित और जटिल लेखा पद्धति के अनुरूप ही आंकड़े सार्वजनिक किए जाने चाहिए. रिजर्व बैंक ने पहले कहा था कि 10 दिसम्बर तक 12.44 लाख करोड़ रुपये के पुराने नोट जमा हुए हैं. नोटबंदी की वजह से 500 और 1000 रुपये के कुल 15.44 लाख करोड़ रुपये के नोट चलन से बाहर कर दिए गए थे.


इलेक्टोरल बांड
उधर, वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि चुनावी फंडे में पारदर्शिता लाने के मकसद से बजट में ऐलान किए गए इलेक्टोरल बांड को लेकर विस्तृत योजना का ऐलान रिजर्व बैंक से राय-मशविरे के बाद होगा. तय होगा कि किस बैक से बांड मिलेगे और उसे कितने समय में भुनाया जा सकता है.