Repo Rate Increase Again By RBI: भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) फिर एक बार अपनी नीतिगत रेपो दर (Repo Rate) में बढ़ोतरी कर सकता है. हाल ही में आरबीआई ने 8 फरवरी 2023 को रेपो दर में 25 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि की है, बल्कि आने वाले महीनों में इसे और बढ़ाने की गुंजाइश को छोड़ रखा है. आसान शब्दों में कहें, तो अभी बैंक से कर्ज पर ब्याज का बोझ और बढ़ सकता है. यह खबर होम लोन (Home Loan) लेने वालों के लिए परेशानी बढ़ा सकती है. क्योकि अगर RBI से रेपो रेट में फिर से कोई इजाफा हुआ तो, इससे घर खरीदने के लोन की किस्त (EMI) में बढ़ोतरी हो जाएगी. RBI से अभी रेपो दर 6.5 प्रतिशत पर है. जो कि अभी फरवरी महीने में RBI से बढ़ाने के बाद पहुंची है. जानिए क्या है पूरी डिटेल्स...


50 बीपीएस से ज्यादा नहीं होगी बढ़ोतरी


मनीकंट्रोल के मुताबिक, आरबीआई मई 2022 से लगातार ब्याज दरें बढ़ा रहा है. इसके पीछे का कारण है कि महंगाई पर लगाम लगाना. इस साल के आने वाले महीनों में, हमें कुल मिलाकर 25-50 बीपीएस की बढ़ोतरी की उम्मीद है. इसलिए, यह पिछले साल 2022 की तरह खराब नहीं होगा और इस साल के दौरान छोटी-छोटी किस्तों में बढ़ोतरी हो सकती है. हालांकि यह अच्छी बात है कि इस साल यह 50 बीपीएस से अधिक नहीं होगी. 


अब तक 20-25 फीसदी बढ़ी ईएमआई 


RBI की रेपो दर जब 4 प्रतिशत पर चल रही थी, तब अधिकांश बैंक लगभग 6.5 प्रतिशत या उसके आसपास उधार दे रहे थे. इसलिए 6.5 प्रतिशत की ब्याज दर और 300 महीने की अवधि वाले लोन के लिए, प्रति 1 लाख रुपये के कर्ज पर ईएमआई 675 रुपये (EMI) जितनी कम थी. लेकिन अब कई बैंकों में ब्याज दर 8.85 फीसदी हो गई है. प्रति लाख ईएमआई बढ़कर 825 रुपये पर हो गई है. ईएमआई में 20-25 प्रतिशत की वृद्धि देखी जा रही है, जो मौजूदा होम लोन लेने वालों के लिए एक बड़ा झटका है.


नए घर खरीदारों पर बढ़ेगा बोझ 


अगर आपका वेतन X है और आप 50 लाख रुपये के लोन के पात्र थे, तो अब आप केवल 37-38 लाख रुपये के होम लोन के पात्र रह गए हैं. आपकी क्रय शक्ति पहले से कम हो गई है. अब लोगों के पास नकदी प्रवाह कम हो गया है. जो लोग वास्तव में घर खरीदना चाहते हैं, उन्हें आवश्यक धन जुटाने के लिए और अतिरिक्त प्रयास करने होंगे. यानि डाउनपेमेंट ज्यादा देना होगा. जो लोग नया घर खरीदने की योजना बना रहे हैं, उन्हें अपने फैसले अब टालने भी पड़ सकते हैं. अगर वे केवल ब्याज दरों को देख रहे हैं, तो वे अभी से 15-18 महीने में नीचे आने लगेंगे.


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