Bank Deposit 20000 Rupees Note Effect: दो हजार के बैंक मुद्रा को चलन से बाहर करने के फैसले के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट को बैंकों को जारी करने से मना किया है. इस फैसले से माना जा रहा है कि बैंकों के पास जमा पूंजी बढ़ने की उम्मीद है और ब्याज दर में कमी आने की संभावना जताई जा रही है. 


अभी तक भारत की करेंसी का सबसे बड़ा नोट 2000 रुपये है, जिसे 2016 में पेश किया गया था. नोटबंदी के दौरान 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के बाद इसे जारी किया गया था. इसके साथ ही 200, 50, 10, 20 और 500 के नोट भी जारी किए गए थे. अब जब इन नोटों की उपलब्धता ज्यादा हो गई है तो सरकार 2000 के नोट को बाजार से हटाने का फैसला किया है. 


क्या होगा डिपॉजिट पर असर 


एक्सपर्ट के मुताबिक, 2 हजार के बैंक नोटों को वापस लेने से जमा की ब्याज दर में इजाफा में आसानी होगी. उन्होंने कहा कि बैंकों की जमा में मामूली सुधार हो सकता है. इससे डिपॉजिट रेट्स में बढ़ोतरी पर दबाव कम होगा. इस कारण कम टेन्योर के ब्याज में भी कमी आ सकती है. 5 मई 2023 तक बैंक बकाया कुल जमा राशि 184.35 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा थी. वित्त वर्ष 2023 में जमा बढ़ोतरी दर 9.7 फीसदी सुधरकर 10.4 फीसदी हो चुका है. माना जा रहा है कि 2000 रुपये के नोट को वापस लेने से बैंकों में जमा राशि के प्रवाह में तेजी आने की उम्मीद है. 


किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं 


आरबीआई ने कहा ​है कि बैंक में पैसा पहले तरीके से जमा किया जाएगा. किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है. आरबीआई ने कहा कि बैंक खातों में 2000 रुपये के बैंक नोट जमा करके कोई दूसरे मूल्यवर्ग की मुद्रा ले सकते हैं. 


2000 रुपये की छपाई हुई थी बंद 


साल 2018 में 2 हजार रुपये के नोटों की छपाई को बंद कर दिया गया था. आरबीआई के इस फैसले के बाद अभी भी ये नोट लीगल टेंडर बने रहेंगे. आरबीआई के मुताबिक, मार्च 2017 से पहले 2000 रुपये के नोट करीब 89 फीसदी जारी किए गए थे और 4 से 5 साल में अंत के कगार पर हैं. 


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