Ratan Tata Update: क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में निवेश के रिपोर्ट के बीच टाटा समूह ( Tata Group) के चेयरमैन एमरिटस रतन टाटा ( Ratan Tata) ने सफाई पेश की है. क्रिप्टकरेंसी में निवेश की खबरों का खंडन करते हुए रतन टाटा ने कहा है कि उनका क्रिप्टोकरेंसी के साथ किसी प्रकार का कोई लेना-देना नहीं है. 

रतन टाटा ने ट्वीट किया, मैं नेटीजंस (Netizens)  से अनुरोध करना चाहता हूं कि वो इस बात को समझ लें, मेरा क्रिप्टोकरेंसी के साथ किसी भी प्रकार का कोई वास्ता नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर आपको क्रिप्टोकरेंसी के साथ मेरे जुड़े होने का कोई लेख (Article) या विज्ञापन (Ad) नजर आता है तो वो पूरी तरह झूठा है और नागरिकों को ठगने की कोशिश की है. 

इससे पहले महिंद्रा ग्रुप (Mahindra Group) के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ( Anand Mahindra) भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के फेक न्यूज रिपोर्ट का शिकार हो चुके हैं. जिसमें कहा गया था कि उनके क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के चलते बैंकों में घबराहत है और एक्सपर्ट्स हैरान हैं. एक रिपोर्ट सामने आई थी कि उन्होंने कमाई का ऐसा जरिया ढूंढ निकाला है जो निवेशकों को 3 से चार महीने में करोड़पति बना देगा. बाद में आनंद महिंद्रा ने भी स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा था कि उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी में एक रुपया भी निवेश नहीं किया है. 

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दुनिया के कई जानकार बंटे हुए हैं. वॉरेन बफे ने तो बिट्कॉइन को गैमबलिंग टोकन बताते हुए क्रिप्टोकरेंसी को खारिज कर दिया है. 

भारत में क्रिप्टोकरेंसी को सरकार ने अब तक मान्यता नहीं दी है. लेकिन बीते वर्ष क्रिप्टोकरेंसी के मुनाफे में बेचने पर 30 फीसदी टैक्स लगा दिया गया तो हर ट्रांजैक्शन पर एक फीसदी टीडीएस के प्रावधान को भी लागू किया गया है.

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