Old Pension Scheme: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने राज्य में फिर से पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने का ऐलान कर दिया है. जिसके बाद देश के बाकी राज्यों में भी ये बड़ा मुद्दा बनने वाला है. बाकी राज्यों में भी सरकारी कर्मचारी सरकारों के सामने ये मांग जोरशोर से रखने वाले हैं. उत्तर प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने अपने घोषणापत्र में वादा किया का कि प्रदेश में सपा की सरकारी बनी तो पुरानी पेंशन योजना को फिर से बहाल कर दिया जाएगा. 


सीएम गहलोत ने ट्वीट करते हुए लिखा कि , ''हम सभी जानते हैं सरकारी सेवाओं से जुड़े कर्मचारी भविष्य के प्रति सुरक्षित महसूस करें तभी वे सेवाकाल में सुशासन के लिए अपना अमूल्य योगदान दे सकते हैं. अतः 1 जनवरी 2004 और उसके पश्चात नियुक्त हुए समस्त कार्मिकों के लिए मैं आगामी वर्ष से पूर्व पेंशन योजना लागू करने की घोषणा करता हूं.




दरअसल देश के कई राज्यों में सरकारी कर्मचारी फिर से पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के लिए लगातार सरकार पर दवाब बना रहे हैं. यहां तक सड़कों पर भी आंदोलन कर रहे हैं. हाल के दिनों में राजनीतिक गलियारे में भी पुराने पेंशन योजना की चर्चा जोरों पर है. लाखों कर्मचारी आस लगाये हुए हैं कि पुरानी पेंशन योजना फिर से बहाल हो जाये. केवल राज्यों के कर्मचारी ही नहीं केंद्रीय कर्मचारियों को भी इसका इंतजार है. उम्मीद है कि सरकार कुछ केंद्रीय कर्मचारियों को New Pension Scheme (NPS) से Old Pension Scheme (OPS) में ला सकती है. इनमें वो कर्मचारी शामिल होंगे, जिनकी भर्ती के लिए विज्ञापन 31 दिसंबर 2003 को या उससे पहले जारी किए गए थे. सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद इसकी सुगबुगाहट शुरू हुई है. 


2004 में बंद हुई थी पुरानी पेंशन स्कीम
तात्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने डिफेंस फोर्सेज को छोड़कर एक अप्रैल 2004 से पुरानी पेंशन स्कीम की जगी नई पेंशन योजना को लागू करने का ऐलान किया था. इस तारीख से या उसके बाद जो भी सरकारी नौकरी ज्वाइन करेगा उन्हें अपने वेतन से न्यू पेंशन स्कीम में पेंशन के लिए योगदान देना जरुरी कर दिया गया. 
केंद्र सरकार ने नई पेंशन योजना लागू की, लेकिन इसे राज्यों के लिए अनिवार्य नहीं किया था. बाद में धीरे-धीरे अधिकतर राज्यों ने इसे अपना लिया. लेकिन थोड़े समय के बाद ही नई पेंशन योजना का विरोध शुरू हो गया. 



अब आपको समझाते हैं ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) और न्यू पेंशन स्कीम (NPS) में क्या अंतर है.


- दरअसल ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) में पेंशन के लिए वेतन से कोई कटौती नहीं होती है, जबकि NPS में कर्मचारी के वेतन से 10% (बेसिक+DA) की कटौती की जाती है.


- पुरानी पेंशन योजना में GPF (General Provident Fund) की सुविधा है. NPS में जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) की सुविधा को नहीं जोड़ा गया है.


- पुरानी पेंशन योजना(OPS) एक सुरक्षित पेंशन योजना है. इसका भुगतान सरकार की ट्रेजरी के जरिए किया जाता है.नई पेंशन योजना (NPS) शेयर बाजार आधारित है, बाजार की चाल के आधार पर ही भुगतान होता है. बाजार से मिलने वाले रिटर्न पर कोई गारंटी नहीं होती है. 


- पुरानी पेंशन योजना OPS में रिटायरमेंट के समय अंतिम बेसिक सैलरी के 50 फीसदी तक निश्चित पेंशन मिलती है. NPS में रिटायरमेंट के समय निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है.


- पुरानी पेंशन योजना में 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) लागू होता है. NPS में 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता लागू नहीं होता है.


- पुरानी पेंशन योजना OPS में रिटायरमेंट के बाद 20 लाख रुपए तक ग्रेच्युटी मिलती है. NPS में रिटायरमेंट के समय ग्रेच्युटी का अस्थाई प्रावधान है. 


- पुरानी पेंशन योजना  OPS में सर्विस के दौरान मौत होने पर फैमिली पेंशन का प्रावधान है. NPS में सर्विस के दौरान मौत होने पर फैमिली पेंशन मिलती है, लेकिन योजना में जमा पैसे सरकार जब्त कर लेती है.


- पुरानी पेंशन योजना  OPS में रिटायरमेंट पर GPF के ब्याज पर किसी प्रकार का इनकम टैक्स नहीं लगता है. NPS में रिटायरमेंट पर शेयर बाजार के आधार पर जो पैसा मिलेगा, उस पर टैक्स देना पड़ेगा.


- पुरानी पेंशन योजना  OPS में रिटायरमेंट के समय पेंशन प्राप्ति के लिए GPF से कोई निवेश नहीं करना पड़ता है. NPS में रिटायरमेंट पर पेंशन प्राप्ति के लिए NPS फंड से 40 फीसदी पैसा इन्वेस्ट करना होता है.


- पुरानी पेंशन योजना  OPS में 40 फीसदी पेंशन कम्यूटेशन का प्रावधान है. NPS में यह प्रावधान नहीं है. मेडिकल फैसिलिटी (FMA) है, लेकिन NPS में स्पष्ट प्रावधान नहीं है.


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