नई दिल्ली:  सरकारी बैंकों ने चालू वित्त वर्ष (2019-20) के पहले छह महीनों में 95,700 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की सूचना दी है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खुद यह जानकारी मंगलवार को दी. यह जानकारी उन्होंने मंगलवार को संसद में दी.


केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि भारत के सरकारी बैंकों ने मार्च में समाप्त होने वाले वित्त वर्ष 2019-20 के पहले छह महीनों में 95,760.49 रुपये धोखाधड़ी की रिपोर्ट दी है. उन्होंने आगे कहा,''अप्रैल से सितंबर की अवधि के दौरान धोखाधड़ी के मामलों की कुल संख्या 5,743 है.''





केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार बैंकों में होने वाली धोखाधड़ी रोकने के लिए कई तरह से कोशिश कर रही है. उन्होंने बताया कि पिछले दो वित्त वर्षों में करीब 3,38,000 बैंक अकाउंट को जब्त किया गया है. इसके अलावा इकोनॉमिक ऑफेंडर्स एक्ट के तहत बैंकों से धोखाधड़ी कर के भागने वाले व्यक्ति की संपत्ति भी जब्त की गई है.


इसके अलावा वित्त मंत्री ने राज्यसभा में बताया कि केंद्र सरकार ने भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों पर लगाम कसना शुरू कर दिया है ताकि जनता को परेशानी का सामना न करना पड़े. सरकार ने बैंकों में एक लाख से अधिक का लोन देने में भ्रष्टाचार  की शिकायत पर सख्त एक्शन लिया है. 2015 से 2017 के बीच करीब 10 हजार बैंक कर्मियों पर कार्रवाई की गई है. इसमें नोटबंदी का वक्त भी शामिल है, जब बैंकों में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार हुए.


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