देश के सरकारी बैंक एक समय घाटे में जाने और सरकारी खजाने को चूना लगाने के लिए कुख्यात थे. हालांकि बीते 5 सालों में सरकारी बैंकों के हाल में जबरदस्त सुधार आया है. कभी हजारों करोड़ों का घाटा उठाने वाले ये सरकारी बैंक अब तगड़ा मुनाफा कमाने लग गए हैं.


अकेले एसबीआई का इतना योगदान


पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार,  बीते वित्त वर्ष (2022-23) के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों यानी पीएसबी का मुनाफा सामूहिक रूप से बढ़कर एक लाख करोड़ रुपये को पार कर गया. इसमें लगभग आधी हिस्सेदारी देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई की रही. इसका मतलब हुआ कि जितना मुनाफा 11 अन्य सरकारी बैंकों ने मिलकर कमाया, लगभग उतना मुनाफा अकेले भारतीय स्टेट बैंक को हो गया.


5 साल पहले हुआ था इतना घाटा


सरकारी बैंकों के वित्तीय परिणामों को देखें तो पता चलता है कि बीते कुछ सालों में उन्होंने लंबी दूरी तय की है. वित्त वर्ष 2017-18 में ये सरकारी बैंक भारी-भरकम घाटे में रहे थे. इस दौरान सरकारी बैंकों को मिलाकर कुल 85,390 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. अब यह स्थिति पूरी तरह से बदल चुकी है और वित्त वर्ष 2022-23 में इन बैंकों ने 1,04,649 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है.


साल भर पहले से 57 फीसदी ज्यादा


रिपोर्ट के अनुसार, इन 12 सरकारी बैंकों का मुनाफा साल भर पहले यानी वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में 57 फीसदी बढ़ा है. वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान सभी 12 सरकारी बैंकों को मिलाकर 66,539.98 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था. वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान सरकारी बैंकों के मुनाफे में अकेले एसबीआई ने 50 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का योगदान दिया है.


सबसे ज्यादा बढ़ा इस बैंक का लाभ


बीते वित्त वर्ष के दौरान स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का मुनाफा 59 फीसदी बढ़कर 50,232 करोड़ रुपये हो गया. हालांकि फीसदी के लिहाज से सबसे शानदार तेजी बैंक ऑफ महाराष्ट्र के मुनाफे में आई, जो 126 फीसदी की वृद्धि के साथ 2,602 करोड़ रुपये रहा. इसके बाद यूको बैंक का मुनाफा 100 फीसदी की वृद्धि के साथ 1,862 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ बड़ौदा का 94 फीसदी की तेजी के साथ 14,110 करोड़ रुपये रहा.


सिर्फ पीएनबी के लाभ में गिरावट


पिछले वित्त वर्ष के दौरान सिर्फ पंजाब नेशनल बैंक के लाभ में गिरावट आई. इसे छोड़कर अन्य सभी 11 सरकारी बैंकों के मुनाफे में तेजी दर्ज की गई. पीएनबी का शुद्ध लाभ 2021-22 के 3,457 करोड़ रुपये की तुलना में 27 फीसदी की गिरावट के साथ 2,507 करोड़ रुपये पर आ गया. आंकड़ों के अनुसार, 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा सालाना लाभ कमाने वाले सरकारी बैंकों में बैंक ऑफ बड़ौदा (14,110 करोड़ रुपये) और केनरा बैंक (10,604 करोड़ रुपये) भी शामिल रहे.


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