PPF Account: पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) निवेश का एक बेहतरीन विकल्प है. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि PPF में निवेश करने में जोखिम लगभग शून्य है क्योंकि इसे पूरी तरह सरकार संरक्षण प्राप्त है. इसके साथ ही इसमें शानदार रिटर्न भी मिलता है. केंद्र सरकार हर तिमाही में PPF अकाउंट पर ब्याज दर को संशोधित करती है. ब्याज दर आमतौर पर 7 फीसदी से 8 फीसदी रहती है जो कि आर्थिक स्थिति को देखते हुए थोड़ी कम या बढ़ सकती है. फिलहाल ब्याज दर 7.1  फीसदी है, जो सालाना तौर पर चक्रवृद्धि है. यह कई बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट से ज्यादा है.


यह इस बात पर ध्यान देना जरूरी है कि एक व्यक्ति एक ही पीपीएफ खाता रख सकता है. हालांकि कई बार लोग गलती से एक से अधिक पीपीएफ खाते खोल लेते हैं. अगर आपके साथ भी ऐसा हुआ है तो याद रखें कि आप इन खातों को मर्ज कर सकते हैं.


डाक विभाग का सर्कुलर



  • डाक विभाग ने हाल ही में इस बारे में एक सर्कुलर जारी किया था जिसमें कहा गया था यदि जमाकर्ता एक से अधिक पीपीएफ खाते खोलता है तो दूसरे और बाद में खोले गए खातों को अनियमित माना जाता है.

  • ऐसे मामलों में, पीपीएफ ग्राहकों के अनुरोधों पर विचार करते हुए, आर्थिक मामलों का विभाग नियमों में छूट देते हुए एक से अधिक पीपीएफ खातों को एक खाते में मिलाकर ऐसे अनियमित खातों/जमाओं को नियमित करता है.

  • एक से अधिक पीपीएफ खातों को मर्ज करने के लिए वित्त मंत्रालय की सहमति प्राप्त होने पर, डाकघर खातों के विलय के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) का पालन करेंगे.


कैसे करना है आवेदन



  • पीपीएफ खातों के विलय के लिए विभिन्न ऑपरेटिंग एजेंसी (बैंक या पोस्ट ऑफिस) के बीच बातचीत जरूरी होती है.

  • मर्जर के लिए जमाकर्ता को पासबुक/खाते के डिटेल की फोटोकॉपी उस ऑफिस (डाकघर या बैंक) में ले जानी होती है जहां वह खाता बनाए रखना चाहता है.

  • इसके बाद यह ऑफिस उस दफ्तर से संपर्क कर करता है जहां के खाते का विलय होना है और वित्तीय वर्षों के सालाना सब्सक्रिप्शन की डिटेल को वेरिफाई/भेजने का अनुरोध करता है.


इन बातों का रखें ध्यान



  • आप जिस खाते में अन्य खाते का मर्जर कराएंगे उसे ओपन करने की तारीख से ही मैच्योरिटी और अन्य चीजें तय होंगी.

  • अकाउंट में एक्चुअल ट्रांसफर/बैलेंस करने की तिथि, लोन/विदड्रॉल आदि के लिए भी इसी को मुख्य तिथि माना जाएगा.

  • मर्जर किए जाने वाले किसी पीपीएफ खाते में अगर कोई बकाया लोन है, तो ब्याज सहित पूरी बकाया लोन राशि चुकानी होगी. 


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