नई दिल्लीः कोरोना के संकटकाल में जहां ज्यादातर सेक्टर के लोग सैलरी में कटौती के खतरे को झेल चुके हैं या झेलने की आशंका से परेशान हैं, वहीं सरकारी बैंक के कर्मचारियों के लिए इस दौरान एक अच्छी खबर आई है. सार्वजनिक बैंकों के कर्मचारियों की सैलरी में 15 फीसदी बढ़त का रास्ता साफ हो चुका है.


लंबा चला वार्ताओं का दौर
दरअसल बैंक यूनियनों और इंडियन बैंक एसोसिएशन के बीच लंबे समय से चल रही वार्ताओं का दौर बुधवार को खत्म हो गया और बैंक कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने को लेकर एक समझौता हो गया है. कल बैंक यूनियनों और इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) के बीच 11वें दौर की वार्ता पूरी हो गई इसमें तय किया गया कि 31 मार्च 2017 तक के हिसाब से कर्मचारियों के वेतन में 15 फीसदी की बढ़ोतरी की जाएगी.


1 नवंबर 2017 से लागू होंगे संशोधन
सरकारी बैंक कर्मचारियों के वेतन में ये बढ़ोतरी या संशोधन 1 नवंबर 2017 से लागू हो जाएगी. वेतन और भत्तों में वार्षिक वृद्धि 7,898 करोड़ रुपये के पेस्लिप घटकों पर काम करती है.


प्रदर्शन आधारित इंसेंटिव (पीएलआई) भी मिलेगा
आईबीए और बैंक यूनियनों में इस बात पर भी सहमति बन गई कि सरकारी बैंकों में भी प्रदर्शन आधारित इंसेटिव दिए जाएंगे. बता दें कि निजी बैंकों और मल्टीनेशनल बैंकों में पीएलआई का प्रावधान पहले से है लेकिन सरकारी बैंकों में इस तरह की व्यवस्था नहीं है. अब नए फैसले के आधार पर सरकारी बैंकों में कर्मचारियों को वार्षिक वेतन के अलावा पीएलआई दिया जाएगा. हालांकि इसे देने का फैसला अलग-अलग बैंकों के मुनाफे के आधार पर होगा.


यूनियनों ने दी थी हड़ताल की धमकी
लगभग दो साल से आईबीए और बैंक यूनियनों के बीच लगभग दो साल से बैठकों और चर्चा का दौर चल रहा था और बैंक यूनियनों ने अपनी मांगें न माने जाने पर हडताल पर जाने की धमकी दी थी.


अन्य फैसले
कल ये भी फैसला हुआ कि बैंक कर्मचारियों को अब हर साल पांच दिन का प्रिवलेज लीव के बदले इनकैशमेंट मिला करेगा. हालांकि 55 साल के ऊपर के कर्मचारियों के मामले में इसे सात दिन के आधार पर तय किया जाएगा.


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