प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी भी अब बगैर यात्रा किए एलटीए पर इनकम टैक्स की छूट का दावा कर सकते हैं. पहले यह छूट केंद्रीय कर्मचारियों को दी गई थी लेकिन अब इसके दायरे में प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को भी ले आया गया है. केंद्र सरकार ने कहा था कि उसके कर्मचारी एलटीसी के बदले मिलने वाले भत्ते पर बिना यात्रा किए टैक्स छूट ले सकते हैं. केंद्रीय कर्मचारियों को एलटीसी का कैश वाउचर्स देने का ऐलान किया गया था और कहा गया था कि उन्हें डिजिटल माध्यम से इसका भुगतान किया जाएगा. शर्त यह होगी कैश वाउचर्स से वह ऐसे नॉन फूड आइटम खरीदेंगे, जिस पर कम से कम 12 फीसदी जीएसटी लगता हो. सरकार ने कोरोना संकट के दौरान बाजार में मांग बढ़ाने के लिए यह ऐलान किया था.


सीबीडीटी ने सभी के लिए लागू किए नियम 


अब यही नियम निजी सेक्टर के कर्मचारियों को मिलने वाले एलटीए पर लागू होगा.गुरुवार को सीबीडीटी ने केंद्रीय, निजी और राज्य सरकारों के कर्मचारियों के लिए इस नियम को लागू कर दिया. हालांकि जिस कर्मचारी ने छूट वाली इनकम टैक्स कि जिस रिजीम के तहत टैक्स देने की योजना बनाई है, वे इस नियम के दायरे से बाहर होंगे. केंद्र सरकार ने उपभोक्ता खर्च बढ़ाने और बाजार में मांग पैदा करने के लिए केंद्रीय कर्मचारियों को एलटीसी के मिलने वाले भत्ते पर टैक्स छूट का ऐलान किया था और कहा था कि वे इस पैसे को खर्च करें. केंद्र सरकार का मानना है कि इससे मांग बढ़ेगी और इकनॉमी का पहिया रफ्तार पकड़ेगा. गैर केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यह छूट 36 हजार रुपये के एलटीए (दोनों ओर का किराया मिला कर) पर लागू होगी.


दो कैटेगरी में मिलता है एलटीए 


दरअसल, केंद्र और दूसरी राज्य सरकारें हर चार साल में अपने कर्मचारियों को दो कैटेगरी में एलटीए देती है. इन स्कीमों के तहत कर्मचारी परिवार समेत पूरे देश में घूम सकता है. कर्मचारियों को चार साल के अंदर दो बार उनके गृह राज्य की यात्रा के लिए एलटीए दिया जाता है. लेकिन इस बार कोरोना महामारी की वजह से कर्मचारियों को एलटीए के बदले कैश वाउचर देने का फैसला लिया गया है. कर्मचारी इस कैश वाउचर का इस्तेमाल 31 मार्च 2021 तक कर पाएंगे.


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