लोगों के कौशल में निखार लाने के लिए शुरू की गई सरकारी योजना का महिलाएं खूब लाभ उठा रही हैं. आंकड़े बताते हैं कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा संख्या में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का लाभ उठा रही हैं और कौशल प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं.


लाभार्थियों में करीब ढाई लाख महिलाएं


सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस योजना के तहत अब तक 3.5 लाख लोगों को कौशल प्रशिक्षण का लाभ मिला है. उनमें अकेले महिलाओं की संख्या 2.4 लाख है. यानी अब तक जितने लोगों ने इस सरकारी योजना का लाभ उठाया है, उनमें 68.76 फीसदी महिलाएं हैं. वहीं प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत कौशल प्रशिक्षण पाने वाले पुरुषों की संख्या 1.1 लाख है, जो कुल लाभार्थियों के 31.3 फीसदी के बराबर है.


इस काम का प्रशिक्षण ले रहीं महिलाएं


प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत प्रशिक्षण पाने वाली ज्यादातर महिलाएं टेलरिंग को पसंद कर रही हैं. आंकड़ों के अनुसार, अब तक प्रशिक्षण पाने वाली 2.4 लाख महिलाओं में से 2.3 लाख ने टेलरिंग की ट्रेनिंग ली है, जो कुल महिला लाभार्थियों के 95 फीसदी से भी ज्यादा है. पुरुषों में प्रशिक्षण पाने वालों में ज्यादातर राजमिस्त्री के काम को पसंद कर रहे हैं. इनकी संख्या 33,104 है.


विश्वकर्मा योजना में मिलते हैं ये लाभ


प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की शुरुआत पिछले साल सितंबर में हुई थी. इसके तहत लोगों को कौशल निखारकर अपना रोजगार शुरू करने या पसंद की नौकरी करने का अवसर मिलने मिलता है. योजना के तहत ट्रेनिंग के दौरान लाभार्थियों को 500 रुपये प्रति दिन का स्टाइपेंड मिलता है. प्रशिक्षण के बाद उन्हें विश्वकर्मा सर्टिफिकेट और आईडी दी जाती है. लाभार्थियों को टूल-किट खरीदने के लिए 15 हजार रुपये का प्रोत्साहन और रोजगार शुरू करने के लिए रियायती दर पर 2 लाख रुपये तक का लोन मिलता है.


इन राज्यों में सबसे बढ़िया रिस्पॉन्स


योजना के तहत 18 पारंपरिक क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाता है. लाभार्थियों को पांच से सात दिनों की बेसिक ट्रेनिंग दी जाती है. दिल्ली, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे कुछ राज्यों को छोड़ दें तो बाकी राज्यों में योजना को अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. अभी तक सबसे ज्यादा 83,067 लोगों ने कर्नाटक में योजना का लाभ उठाया है. गुजरात और जम्मू कश्मीर में भी लाभार्थियों की संख्या 50-50 हजार से ज्यादा है.


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