RBI Decision: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गैर-बैंकिंग क्षेत्र के प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (पीपीआई) जारी करने वालों से कहा है कि वे अपने वॉलेट और कार्ड में पैसा ऋण-सुविधा या पूर्व-निर्धारित उधारी सीमा के जरिये न डालें. पीपीआई साधनों में जमा मूल्य के बराबर की वस्तुओं और सेवाओं, वित्तीय सेवाओं और प्रेषण सुविधाओं की खरीद की सुविधा प्रदान की जाती है.


क्या है आरबीआई का मास्टर निर्देश
केंद्रीय बैंक ने प्रीपेड भुगतान साधनों पर ‘मास्टर’ निर्देश जारी करते हुए कहा है कि पीपीआई को नकद, बैंक खाते, क्रेडिट और डेबिट कार्ड, पीपीआई एवं अन्य भुगतान साधनों द्वारा ‘लोड’ एवं ‘रिलोड’ करने की मंजूरी दी गई है. यह राशि सिर्फ भारतीय मुद्रा रुपये में ही होनी चाहिए. सूत्रों ने कहा कि आरबीआई ने सभी अधिकृत गैर-बैंक पीपीआई जारीकर्ताओं को इस प्रतिबंध के संबंध में सूचित कर दिया है.


सूत्रों के मुताबिक, आरबीआई ने पीपीआई जारीकर्ताओं से कहा है कि मास्टर निर्देश पीपीआई को ऋणसुविधा या पूर्व-निर्धारित उधारी सीमा से ‘लोड’ करने की मंजूरी नहीं देता है. उसने कहा है कि अगर ऐसा चलन जारी है तो उस पर फौरन रोक लगाई जाए.


ऋणसुविधा के जरिये पैसे डालने पर रोक 
पीडब्ल्यूसी इंडिया के ‘पेमेंट्स ट्रांसफॉर्मेशन लीडर’ मिहिर गांधी ने कहा कि ऋणसुविधा के जरिये पैसे डालने पर रोक लगा दी गई है. उन्होंने कहा, 'एक ऋणसुविधा का इस्तेमाल कई प्रीपेड वॉलेट एवं कार्ड के लिए किया जाता था. इस कदम से कुछ वित्त प्रौद्योगिकी कंपनियों के कारोबारी मॉडल पर असर पड़ेगा.'


पेपर वाउचर के रूप में पीपीआई जारी करने पर भी रोक
केंद्रीय बैंक ने पेपर वाउचर के रूप में पीपीआई जारी करने पर रोक लगा दी है. पीपीआई कार्ड, वॉलेट एवं लेनदेन के किसी भी अन्य साधन के तौर पर जारी किए जाते हैं.


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