Public Provident Fund Rules: सरकार द्वारा चलाई जाने वाली स्कीम पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund) में निवेश करके आप लंबी अवधि में बड़ा फंड प्राप्त कर सकते हैं. इस स्कीम की खास बात ये है कि इसमें संगठित क्षेत्र में न काम करने के बाद भी निवेशकों को प्रोविडेंट फंड स्कीम का फायदा मिल सकता है. इस स्कीम के तहत सरकार जमा राशि पर कंपाउंडिंग इंटरेस्ट का लाभ देती है. वहीं खाताधारक एक वित्त वर्ष में 500 रुपये से लेकर 1.5 लाख रुपये तक का निवेश कर सकते हैं. इस स्कीम की मैच्योरिटी की अवधि 15 साल है. पीपीएफ स्कीम को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल रहते हैं. उसमें से एक है स्कीम में मैच्योरिटी की अवधि को बढ़ाना. अगर आप भी पीपीएफ अकाउंट के खाते को आगे बढ़ाना चाहते हैं तो हम आपको इससे जुड़े रूल्स के बारे में बता रहे हैं.


क्या मैच्योरिटी के बाद भी पीपीएफ खाते बढ़ाया जा सकता है आगे?


पीपीएफ के नियम (PPF Rules) के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति 20 साल की उम्र में पीपीएफ खाता खोलता है तो उसके खाते की मैच्योरिटी 35 साल की उम्र में हो जाएगी. मगर वह मैच्योरिटी के बाद भी इस खाते में निवेश जारी रखना चाहता है तो ऐसा कर सकता है. नियमों के मुताबिक आप इस खाते को 5-5 साल के लिए आगे बढ़ा सकते हैं. अगर पीपीएफ खाते को आगे बढ़ाने के लिए भी आपको दो विकल्प मिलते हैं.


निवेश के साथ आगे बढ़ाएं खाता


इकोनॉमिक टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक पीपीएफ अकाउंट होल्डर के पास मैच्योरिटी के बाद खाते को आगे बढ़ाने के लिए दो तरह के विकल्प मिलते हैं. एक विकल्प में आप खाते को नई निवेश राशि के साथ आगे बढ़ा सकते हैं. इसके लिए आपको एक एप्लीकेशन के साथ ही फॉर्म H जमा करना होगा. अगर इस फॉर्म के बिना आप खाते में पैसे जमा करते हैं तो अतिरिक्त जमा की गई राशि पर आपको किसी तरह के ब्याज का लाभ नहीं मिलेगा. इसके साथ ही आपको इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत छूट का भी लाभ नहीं मिलेगा.


बिना निवेश के खाते को आगे बढ़ाना


वहीं मैच्योरिटी के बाद खाते को आगे बढ़ाने के लिए एक दूसरा ऑप्शन भी मिलता है. इसमें आप खाते को 5 साल के लिए आगे बढ़ा सकते हैं, लेकिन इसमें आपको एक रुपये भी निवेश नहीं करना होगा. इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार इसके साथ ही इस दौरान खाताधारक को एक वित्त वर्ष में केवल एक बार ही खाते से पैसे विड्रॉ करने की सुविधा मिलेगी. अगर आप बिना निवेश के विकल्प को चुन लेते हैं तो इसके बाद आपको आगे निवेश की गई किसी भी राशि पर ब्याज दर का लाभ नहीं मिलेगा.


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