Public Provident Fund Rules: पिछले कुछ समय में मार्केट (Share Market) में जबरदस्त उठापटक देखने को मिल रहा है. रूस-यूक्रेन युद्ध और कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के बाद से मार्केट में गिरावट दर्ज की गई. इससे निवशकों को करोड़ों का नुकसान हुआ है. ऐसे में लोग रिस्क फ्री इन्वेस्टमेंट स्कीम में निवेश करना पसंद कर रहे हैं. पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund) एक ऐसा ही शानदार रिस्क फ्री सेविंग इन्वेस्टमेंट स्कीम (Risk Free Investment Scheme) है. इस स्कीम के जरिए आप 15 साल में एक बड़ा फंड तैयार कर सकते हैं.


पिछले कुछ समय में कई लोगों ने इस स्कीम में निवेश किया है लेकिन, कई लोगों के मन में निवेश करते वक्त कई सवाल रहते हैं. इसमें सबसे कॉमन सवाल है कि अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु स्कीम की मैच्योरिटी से पहले हो जाती है तो ऐसी स्थिति में स्कीम पर क्लेम कैसे ले सकते हैं. तो चलिए हम आपको यह बता रहे है कि मैच्योरिटी से पहले पीपीएफ स्कीम अकाउंट होल्डर (PPF Account Holder) की मृत्यु होने पर खाते का क्या होता है-


पीपीएफ (PPF) अकाउंट होल्डर की मृत्यु होने पर क्या होता है?
इस स्कीम में निवेश करते वक्त आपसे अकाउंट के नॉमिनी के बारे में जानकारी ली जाती है. ऐसे में अगर किसी खाताधारक की पीपीएफ खाते की मैच्योरिटी से पहले मृत्यु हो जाती है तो ऐसे में वह पैसे नॉमिनी को दे दिए जाते हैं. नॉमिनी (Nominee) अपना आईडी प्रूफ (ID Proof) दिखाकर खाते में जमा सारे पैसे निकाल सकता है. इसके साथ ही सारे पैसे दे देने के बाद इसे बंद कर दिया जाता है और खाते को आगे जारी रखने की परमीशन नहीं दी जाती है.


समय से पहले इस परिस्थिति में पैसे निकालने की मिलती है अनुमति
पीपीएफ खाताधारकों को समय से पहले खाते से विड्रोल की परमिशन आपातस्थिति में ही मिलती है. अगर किसी अकाउंट होल्डर या उसके परिवार को जानलेवा बीमारी हो जाए या बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए ही आप खाते से पैसे निकाल सकते हैं. आप खाते को खुलवाने के पांच साल के बाद इसे बंद करा सकते हैं. इस सरकारी स्कीम के तहत ग्राहकों को सालाना के आधार पर 7.1% प्रतिशत ब्याज दर मिलता है.


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