राजेश कचावे


Education Loan for PhD: डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (पीएचडी) की डिग्री के लिए पढ़ाई शुरू करना किसी भी स्टूडेंट के लिए उसके अकेडमिक सफर के शिखर का प्रतीक होता है. हाईस्ट लेवल वाली ज्ञान की यह खोज स्टूडेंट्स को कई स्पेशिलिटी से सुसज्जित करके उज्जवल भविष्य के लिए तैयार करती है. इसके साथ ही उनके द्वारा चुने गए फील्ड में करियर से जुड़ी पर्याप्त प्रोग्रेस के लिए एक मोटिवेशन के तौर पर भी काम करती है. लगभग 3 से 6 सालों तक चलने वाले पीएचडी कार्यक्रम में फील्ड में विशेषज्ञता और यूनिवर्सिटी के आधार पर भिन्नता होती है. इसमें मुश्किल रिसर्च और एकेडमिक इंवेस्टीगेशन के प्रति कड़ी प्रतिबद्धता की जरूरत होती है.


इस सफर को आगे बढ़ाने में शैक्षणिक संस्थान का चुनाव शामिल होता है. इसका मतलब है कि एक अच्छी रैंकिंग वाली यूनिवर्सिटी चुनना, जिसमें किसी के रिसर्च फोकस के मुताबिक व्यापक सिलेबस होना चाहिए. वैसे एक्सीलेंस की खोज अक्सर वित्तीय पहलुओं से भी जुड़ी होती है. कई स्टूडेंट अपनी एजुकेशन में निवेश को भविष्य की सफलता के लिए एक कदम के रूप में पहचान लेते हैं. लिहाजा वो पीएचडी की डिग्री हासिल करने के लिए जरूरी फाइनेंस मुहैया कराने के लिए एजुकेशन लोन का विकल्प चुनते हैं.


यहां हम भारत या विदेश में पीएचडी करने के लिए एजुकेशन लोन से जुड़ी जरूरी जानकारी दिला रहे हैं


1. डॉक्टरेट करने के सपनों को पूरा करने के लिए फाइनेंस- पीएचडी के लिए एजुकेशन लोन के फायदे


ट्यूशन फीस और रहने के खर्च जैसे खर्चों को कवर करते हुए परिवार के धन की बचत की सुरक्षा करके गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने के लिए ये एजुकेशन लोन अच्छी तरह काम करते हैं. अपनी हायर एजुकेशन के लिए स्वतंत्र रूप से फाइनेंस जुटाकर स्टूडेंट्स स्व-निर्मित आत्मनिर्भरता हासिल कर सकता है. लोन लेने की यह शुरुआती कोशिश रीपेमेंट के जरिए पॉजिटिव क्रेडिट स्कोर बनाने का स्कोप भी रखता है. जीवन में आने वाले समय में क्रेडिट कार्ड, कार लोन या होम लोन जैसे अन्य फाइनेंशियल सॉल्यूशंस चुनते समय एक अच्छी क्रेडिट हिस्ट्री कई फायदे दिला सकती है. इसके अलावा एजुकेशन लोन लेकर पारिवारिक सेविंग को खत्म करने के बजाय आपात स्थिति के लिए सुरक्षित रखा जा सकता है.


2. डॉक्टरेट की डिग्री के लिए एजुकेशन लोन के प्रकार


वित्तीय संस्थान आमतौर पर एजुकेशन लोन की दो श्रेणियां प्रदान करते हैं: सिक्योर्ड (कोलेट्रल के साथ) और अनसिक्योर्ड (कोलेट्रल के बिना). स्टूडेंट्स अपनी व्यक्तिगत प्राथमिकताओं और वित्तीय जरूरतओं के बेस पर दोनों में से किसी एक को चुन सकते हैं. कोलेटरल में अलग-अलग ऐसेट शामिल हो सकते हैं जिसमें रेसीडेंशियल प्रॉपर्टी और नॉन- एग्रीकल्चरल लैंड अक्सर स्वीकार किए जाते हैं. एजुकेशन लोन के टाइप के बावजूद रोजगार क्षमता निर्धारित करने के लिए फाइनेंसर स्टूडेंट्स के प्रोफाइल का गहन वैल्यूएशन करेगा. इसलिए अकेडमिक परफॉरमेंस, एंट्रेंस एग्जाम में हासिल किए गए नंबर, यूनिवर्सिटी का रिकॉर्ड, शिक्षा में कंसिस्टेंसी आदि जैसे पहलुओं की जांच की जाएगी. यदि स्टूडेंट्स लैंडर के निर्धारित मानदंडों को पूरा करते हैं, तो ही एजुकेशन लोन पास किया जाएगा.


3. पीएचडी स्टूडेंट्स के लिए एजुकेशन लोन से जुड़े गाइडलाइंस


पीएचडी डिग्री प्रोग्राम के लिए एजुकेशन लोन के लिए पात्रता प्राप्त करने के लिए लोन लेने वाले को कुछ जरूरी शर्तें पूरी करनी होंगी:


आवेदक 18 वर्ष या उससे अधिक आयु का भारतीय नागरिक होना चाहिए.


लोन आवंटन से पहले आवेदक के संबंधित डिग्री प्रोग्राम में प्रवेश की पुष्टि जरूरी है.


ज्यादातर संस्थानों के लिए आवेदन पर कार्रवाई को आगे बढ़ाने के लिए भारत के भीतर कमाई करने वाला एक को-एप्लीकेंट होना अनिवार्य है.


4. एजुकेशन लोन के आवेदन करने के लिए जरूरी दस्तावेज


चाहे विदेश में हो या भारत में, पीएचडी कार्यक्रम के लिए एजुकेशन लोन के लिए आवेदन करते समय कुछ जरूरी दस्तावेज हैं, जो लोन लेने वाले और सह-आवेदक को प्रदान करने होंगे:


लोन लेने वाले के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स में शैक्षणिक प्रतिलिपियां, डिग्री प्रोग्राम में प्रवेश का प्रमाण, चुने गए संस्थान का फीस स्ट्रक्चर, वैध फोटो आईडी, दो पासपोर्ट आकार के फोटो, ऐड्रेस प्रूफ (जैसे बिजली का बिल), जन्म तिथि का सर्टिफिकेट और लोन लेने वाले के सिग्नेचर को कंफर्म करने वाला एक डॉक्यूमेंट शामिल हैं.


सह-आवेदक के लिए जरूरी दस्तावेजों में वैध फोटो आईडी, दो पासपोर्ट आकार के फोटो, निवास प्रमाण, जन्म तिथि का प्रमाण और उसके हस्ताक्षर की पुष्टि करने वाला एक दस्तावेज शामिल है. इसके अतिरिक्त सह-आवेदक का आय प्रमाण, जैसे सैलरी स्लिप या इनकम टैक्स रिटर्न भी जमा किया जाना चाहिए. सुरक्षित लोन के मामले में कोलेटरल डॉक्यूमेंट्स भी प्रदान करने की जरूरत होती है. 


5. एजुकेशन लोन के लिए एप्लीकेशन प्रोसेस


एप्लीकेशन जमा करने से पहले स्टूडेंट्स के लिए अपने चुने हुए लैंडर से जुड़ना एक समझदारी भरा कदम है. इससे दस्तावेज संबंधी उनकी खास जरूरतों और लोन सेंशन करने के क्राइटेरिया को दिखाता है. यह कदम स्टूडेंट्स की आवेदन प्रक्रिया को मैनेज कर सकता है और मनचाहा एजुकेशन लोन हासिल करने की उनकी संभावनाओं को बढ़ा सकता है. कई फाइनेंसरों ने आवेदन प्रक्रिया को ऑनलाइन भी कर दिया है तो आपको उसकी जानकारी भी होनी चाहिए.


उदाहरण के लिए स्टूडेंट्स इन 4 सरल चरणों में अवान्स एजुकेशन लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं-



  1. वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन एप्लीकेशन फॉर्म भरें.

  2. अवान्स सलाहकारों से बात करें.

  3. जरूरी दस्तावेज साझा करें और

  4. यदि वे सभी बॉक्सों पर टिक करते हैं तो एजुकेशन लोन प्राप्त करें.


6. पीएचडी एजुकेशन लोन को चुकाने के तरीके


एजुकेशन लोन का रीपेमेंट निम्नलिखित तरीकों से आसानी से किया जा सकता है:


पढ़ाई के दौरान ब्याज चुकाना: लोन लेने वाला लोन की स्थगन अवधि के दौरान साधारण या आंशिक इंटरेस्ट का भुगतान कर सकते हैं. यह पहचानना महत्वपूर्ण है कि मोरोटोरियम पीरीयड एक ग्रेस पीरीयड प्रदान करती है, लेकिन यह इंटरेस्ट फ्री टाइम नहीं होता है. नतीजतन इस अवधि के दौरान यह इक्ट्ठा हुआ ब्याज एजुकेशन लोन के लिए ग्रॉस रीपेमेंट खर्च में बढ़ोतरी करेगा. इसके अलावा रीपेमेंट का प्रोसेस जल्दी शुरू करने से स्टूडेंट्स कम्यूनिटी में वित्तीय रूप से विवेकपूर्ण आदतें डेवलप होती हैं.


समान मासिक किश्तें (ईएमआई)- एजुकेशन लोन चुकाने के लिए ईएमआई एक व्यापक रूप से चुना गया तरीका है. इस प्रोसेस के तहत लोन लेने वाले को तय मंथली पेमेंट करने की जरूरत होती है, जिसमें मूल लोन राशि और एजुकेशन लोन पर संबंधित ब्याज दर, दोनों शामिल होते हैं.


निष्कर्ष


तो एजुकेशन लोन संबंधी इस गहन समझ के साथ स्टूडेंट्स वित्तीय बाधाओं के बारे में चिंता किए बिना आत्मविश्वास से शैक्षणिक सफलता प्राप्त कर सकते हैं. ये लोन हायर एजुकेशन की पूरी कॉस्ट को कवर करते हैं, जैसे ट्यूशन फीस, ट्रैवल एक्सपेंस, रेसीडेंशियल कॉस्ट, ऐजूकेशन गैजेट्स की कॉस्ट, रहने का खर्च और दूसरे पढ़ाई-संबंधी खर्च, जिससे स्टूडेंट्स को स्वतंत्र रूप से अपनी शिक्षा के लिए जरूरी वित्त जुटाने की अनुमति मिलती है. एजुकेशन लोन का विकल्प चुनकर स्टूडेंट्स अपनी पीएचडी करने की आकांक्षाओं को वास्तविकता में बदल सकते हैं, जिससे लर्निंग और करियर में उन्नति के बेतहाशा मौके खुल सकते हैं.


(लेखक अवान्स फाइनेंशियल सर्विसेज में चीफ बिजनेस ऑफिसर स्टूडेंट लेंडिंग और इंश्योरेंस बिजनेस हैं. प्रकाशित विचार उनके निजी हैं.)


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