No Boss Company: बॉस और कर्मचारियों का मजबूत जोड़ ही कंपनी को आगे ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. अगर इस रिश्ते में खटास आने लगे तो उसका नकारात्मक असर कंपनी की तरक्की पर स्पष्ट दिखाई देता है. इसलिए कंपनियां समय-समय पर अपनी एचआर पॉलिसी में बदलाव लाती रहती हैं ताकि बॉस और कर्मचारियों में तालमेल बना रहे. मगर, अब एक कंपनी ने सभी को चौंकाते हुए बॉस को ही हटाने का फैसला लिया है. इस कंपनी के लगभग 1 लाख कर्मचारी अब अपनी जिम्मेदारियों का फैसला खुद करेंगे. दुनिया को एस्पिरिन (Aspirin) जैसे मशहूर दवाई देने वाली फार्मा कंपनी बायर (Bayer) ने मिडिल मैनेजमेंट को लेकर यह बड़ा फैसला लेकर सारी दुनिया को चौंका दिया है.

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कर्मचारियों को मिलेगी आजादी

जर्मन फार्मा एमएनसी बायर ने कर्मचारियों को और ज्यादा आजादी देने के लिए यह अनूठी पॉलिसी लागू की है. कंपनी का मानना है कि इससे पॉजिटिव बदलाव आएंगे. कंपनी का मार्केट शेयर पिछले दो दशक में सबसे कम हो गया है. इसलिए कंपनी ने यह बड़ा बदलाव किया है. फार्च्यून की रिपोर्ट के अनुसार, बायर के सीईओ बिल एंडरसन (Bayer CEO Bill Anderson) ने कंपनी से पूरा मिडिल मैनेजमेंट हटाने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि हम कॉरपोरेट ब्यूरोक्रेसी खत्म करना चाहते हैं. हम कंपनी चलाने की जिम्मेदारी अपने लगभग 1 लाख कर्मचारियों को सौंप रहे हैं. वह खुद को और कंपनी को संभालेंगे. कंपनी के सीईओ को उम्मीद है कि इससे बायर के मैनेजमेंट में और ज्यादा क्रिएटिविटी आएगी. 

2.17 अरब डॉलर की बचत भी होगी

बिल एंडरसन ने बिजनेस इनसाइडर से बात करते हुए कहा कि यह योजना उनके दिमाग में काफी समय से चल रही थी. मिडिल मैनेजमेंट हटाने से कंपनी को लगभग 2.17 अरब डॉलर की बचत भी होगी. उन्होंने कहा कि हम पढ़े-लिखे और प्रशिक्षित लोगों को नौकरी देते हैं. इसके बाद हम उन्हें नियम-कायदों और आठ लेयर के मैनेजमेंट में धकेल देते हैं. फिर हमें आश्चर्य होता है कि बड़ी कंपनियां फैसले लेने में इतनी देरी क्यों कर रही हैं. अगर मैं स्पष्ट शब्दों में कहूं तो हम काम कर ही नहीं पा रहे. चूंकि आपको कई लोगों से सलाह लेनी पड़ती है इसलिए नए विचारों को जगह नहीं मिल पा रही है. 

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95 फीसदी फैसले कर्मचारी खुद लेंगे 

बिल एंडरसन ने कहा कि हम बायर में हर नौकरी और प्रक्रिया को अलग तरीके से डिजाइन करेंगे. हमारा फोकस कस्टमर और प्रोडक्ट होंगे. हम कंपनी से जुड़े लगभग 95 फीसदी फैसलों की जिम्मेदारी कर्मचारियों को देने जा रहे हैं. दरअसल यही लोग काम को अंजाम देते हैं.

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