रिजर्व बैंक (RBI) महंगाई (Inflation) को काबू में लाने के लिए पिछले साल मई से लगातार रेपो रेट को बढ़ा (Repo Rate Hike) रहा है. रेपो रेट को बढ़ाए जाने से एक तरफ होम लोन (Home Loan) से लेकर पर्सनल लोन (Personal Loan) तक की ईएमआई (EMI) बढ़ रही है, दूसरी ओर ग्राहकों को एफडी (FD Rates) पर अब पहले से ज्यादा ब्याज मिल रहा है. अब तो कई बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) कराने पर 08 फीसदी तक का आकर्षक ब्याज ऑफर कर रहे हैं.


इतने तक के डिपॉजिट पर लागू


अब इस सिलसिले में ताजा नाम जुड़ा है प्राइवेट सेक्टर के यस बैंक (Yes Bank) का. यस बैंक ने एफडी की ब्याज दरों (Yes Bank FD Rates) में 25 से लेकर 50 बेसिस प्वाइंट यानी 0.25 फीसदी से 0.50 फीसदी की वृद्धि करने का ऐलान किया है. एफडी की ये नई ब्याज दरें 02 करोड़ रुपये से कम के जमा पर लागू हैं. बैंक की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, बढ़ी हुईं एफडी दरें 21 फरवरी 2022 से प्रभावी हो गई हैं.


वरिष्ठ नागरिकों को इतना ब्याज


वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, अब 181 से 271 दिनों की एफडी पर 06 फीसदी का ब्याज मिलेगा. इसी तरह 272 दिनों से एक साल तक की एफडी पर 6.25 फीसदी और एक साल से 15 महीने तक की अवधि के लिए 7.25 फीसदी का ब्याज मिलेगा. बैंक ने 15 महीने से 36 महीने तक की एफडी के लिए दरों को बढ़ाकर 7.5 फीसदी कर दिया है. चूंकि बैंक की ओर से वरिष्ठ नागरिकों को हर अवधि की एफडी पर आम लोगों की तुलना में 0.50 फीसदी ज्यादा ब्याज दिया जा रहा है. इस तरह यस बैंक अब एफडी पर 08 फीसदी तक ब्याज ऑफर कर रहा है.


छोटी अवधि वाली एफडी को देखें तो बैंक 7 से 14 दिनों के लिए 3.25 फीसदी, 15 से 45 दिनों के लिए 3.70 फीसदी, 46 से 90 दिनों के लिए 4.10 फीसदी और 91 से  180 दिनों के लिए 4.75 फीसदी की दर से ब्याज दे रहा है.


क्या कहता है इंडस्ट्री का स्टैंडर्ड


अब जानते हैं कि एफडी की दरों में वृद्धि के बाद अब इसमें इन्वेस्ट करना फायदेमंद है या नहीं. इंडस्ट्री के स्टैंडर्ड के हिसाब से बात करें तो अच्छा निवेश उसे कहा जाता है, जो कम से कम तत्कालीन खुदरा महंगाई की दर से ज्यादा ब्याज दे. महंगाई दर पिछले साल के शुरुआती 10 महीने तक रिजर्व बैंक के दायरे से बाहर रही. नवंबर और दिसंबर 2022 के दौरान कुछ नरमी के बाद यह जनवरी 2023 में फिर से 06 फीसदी के पार निकल गई. मतलब अगर आपको अभी 06 फीसदी से ज्यादा रिटर्न मिल रहा है, तो इन्वेस्टमेंट को ठीक माना जाएगा.


इस बात को जान लेना है जरूरी


चूंकि अभी रेपो रेट में बढ़ोतरी का सिलसिला थमा नहीं है. हाल ही में जारी आरबीआई एमपीसी मिनट्स में भी इस बात के साफ संकेत मिले हैं. अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व का ट्रेंड भी यही कह रहा है. मतलब आने वाले समय में अभी रेपो रेट और बढ़ेंगे, जिसके कारण एफडी की दरें भी बढ़ेंगी. इस कारण लंबी अवधि की एफडी में पैसे लगाना ठीक नहीं है, लेकिन छोटी अवधि वाली एफडी को देखें तो अभी भी ज्यादातर महंगाई दर की तुलना में काफी कम रिटर्न ऑफर कर रही हैं.