करीब दो महीने से टमाटर की कीमतों में देश भर में आग लगी हुई है. अभी भी देश के ज्यादातर हिस्से में टमाटर 150 से 200 रुपये किलो के खुदरा भाव में मिल रहा है. इस बीच उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए एक अच्छी खबर आई है. आज से यूपी के लोगों को सरकारी एजेंसियां सस्ते भाव पर टमाटर उपलब्ध कराने लग गई हैं.


नेपाल से आ रहे इतने टन टमाटर


दरअसल नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया यानी एनसीसीएफ ने देश में टमाटर के भाव में कमी लाने और आम लोगों को सस्ते भाव पर टमाटर मुहैया कराने के लिए पड़ोसी देश नेपाल के साथ करार किया है. इसके तहत नेपाल से 10 टन टमाटर का आयात होने वाला है. एक दिन पहले यानी बुधवार को बताया गया था कि नेपाल से टमाटर के आयात की शुरुआत हो गई है.


बाजार से 3-4 गुना सस्ता है भाव


न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक खबर में बुधवार को बताया गया था कि नेपाल से आने वाले टमाटर में से 5 टन की खेप रास्ते में है. एनसीसीएफ ने कहा था कि आज से गुरुवार से यूपी में लोगों को सस्ते भाव पर टमाटर मिलने लगेंगे. एनसीसीएफ की ओर से टमाटर को 50 रुपये किलो के रियायती भाव पर बेचा जा रहा है. इस तरह आम लोग बाजार की तुलना में 3 से 4 गुना सस्ते भाव पर टमाटर खरीद सकते हैं.


15 अगस्त से और कम हुआ भाव


आम लोगों को महंगे टमाटर से राहत दिलाने के लिए एनसीसीएफ और नाबार्ड जैसी एजेंसियां पहले से कई शहरों में सस्ते भाव पर टमाटर बेच रही हैं. रियायती दर मिलने वाले टमाटर के लिए भाव पहले 70 रुपये किलो तय किया गया था, जिसे बाद में घटाकर 60 रुपये किलो किया गया. 15 अगस्त से इसके भाव को और कम कर अब 50 रुपये किलो कर दिया गया है.


घरेलू आपूर्ति से कम हुई कीमतें


पिछले एक-दो सप्ताह से टमाटर के भाव में कुछ नरमी देखी जा रही है. घरेलू उत्पादक राज्यों से विभिन्न मंडियों में टमाटर की आवक होने लग गई है. इससे टमाटर का औसत थोक भाव कम होकर 15 अगस्त को 88.22 रुपये किलो पर आ गया, जो महीने भर पहले 97.56 रुपये किलो था. इसी तरह टमाटर की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमत एक महीने पहले के 118.7 रुपये प्रति किलोग्राम से घटकर अब 107.87 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई है. एनसीसीएफ का कहना है कि मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश में टमाटर की नई फसल की आवक थोक मंडियों में शुरू हो गई है.


अभी ऐसे करा रहे हैं उपलब्ध


वहीं दूसरी ओर पड़ोसी देश नेपाल से भी टमाटर की खरीद की जा रही है. चूंकि टमाटर की शेल्फ लाइफ ज्यादा नहीं होती है, मतलब टमाटर जल्दी खराब हो जाते हैं, इस कारण नेपाल से खरीदे जा रहे टमाटर को यूपी में लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा है, जबकि स्थानीय स्तर पर हो रही खरीद से दिल्ली और राजस्थान में लोगों को सस्ता टमाटर दिया जा रहा है.


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