PAN Card After A Person Dies: भारत में पैन कार्ड को सबसे अहम दस्तावेजों में से एक माना जाता है. जब भी हमें कोई जरूरी आर्थिक काम होता है तो हमें पैन कार्ड (PAN Card), आधार कार्ड (Aadhaar Card) की जरूरत पड़ती ही है. बैक में खाता खोलना हो या अस्पताल में दिखाना हो, हर जगह पैन और आधार कार्ड की जरूरत पड़ती ही है. कोई भी कारोबार खोलने के लिए भी पैन कार्ड की जरूरत पड़ती ही है. ऐसे में इन डॉक्युमेंट्स से जुड़ी हमें सारी फॉर्मेलिटी निभानी ही पड़ती है. लेकिन, व्यक्ति के मरने के बाद भी फॉर्मेलिटी निभाना बहुत जरूरी है. क्या अपने कभी सोचा है कि जब कोई इंसान मर जाता है तो उसके बाद उसके PAN और आधार कार्ड का क्या होता है. तो चलिए जानते हैं कि किसी भी इंसान के मरने के बाद Aadhaar Card, PAN Card जैसे जरूरी डॉक्युमेंट्स का क्या करना चाहिए. जानते हैं इस बारे में-


व्यक्ति की मृत्यु के बाद PAN कार्ड का क्या करें?
आपको बता दें कि ITR (Income Tax Return) दाखिल करने से लेकर बैंक अकाउंट, डीमैट अकाउंट तक सभी जगहों पर पैन कार्ड की जरूरत होती है. इसे तब तक संभालकर रखने कि जरूरत होती है जब तक कि ITR की प्रक्रिया पूरी न हो जाए. ध्यान रखें कि मृतक का टैक्स रिटर्न का रिफंड खाते में आ गया हो. इसके बाद खातों को बंद करने के लिए मृतक के कानूनी उत्तराधिकारी को मृतक का पैन कार्ड इनकम टैक्स डिपांटमेंट में सौंप देना चाहिए. पैन कार्ड सरेंडर से पहले मृतक के सभी खातो में को किसी दूसरे के नाम पर ट्रांसफर करा देना चाहिए. आप चाहें तो खाते को बंद भी करा सकते हैं.


PAN कार्ड को सरेंडर करने का यह है तरीका
पैन कार्ड सरेंडर करने के लिए मृतक का कानूनी उत्तराधिकारी को असेसमेंट ऑफिसर को Application लिखें. जिसके पास पैन कार्ड रजिस्टर्ड है. इस Application में यह लिखें कि आपको मृतक का पैन कार्ड सरेंडर करना है. इसके साथ ही मृतक का नाम, पैन नंबर, मृतक की जन्मतिथि और मृतक के डेथ सर्टिफिकेट की कॉपी भी अटैच जरूर करें. हालांकि आप चाहें तो पैन कार्ड सरेंडर ना भी करें. हो सकता है भविष्य में आपको पैन कार्ड की जरूरत पड़ सकती है.


मृत्यु के बाद Aadhaar कार्ड का क्या करें?
आधार कार्ड एक पहचान पत्र और एड्रेस प्रूफ के तौर पर जरूरी डॉक्यूमेंट है. LPG गैस सब्सिडी, स्कॉरशिप बेनेफिट्स और दूसरी तमाम सरकारी स्कीम का फायदा लेने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य होता है. आधार एक यूनीक नंबर होता है, इसलिए मृत्यु के बाद भी ये नंबर मौजूद रहता है, किसी और को ये नहीं दिया जा सकता.


आपको बता दें कि आधार कार्ड व्यक्ति का पहचान पत्र और Address Proof है. स्कॉलरशिप बेनेफिट्स, गैस सब्सिडी के लिए आधार कार्ड बहुत जरूरी है. आधार कार्ड का नबंर यूनिक होता है और व्यक्ति की मौत के बाद भी यह नबंर किसी और को नहीं दिया जाता है. फिलहाल देश में आधार कार्ड को डिएक्टिवेट करने का कोई तरीका नहीं बताया गया है. 


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