रिजर्व बैंक के द्वारा की गई कार्रवाई के बाद पेटीएम के शेयरों में भारी गिरावट देखी जा रही है. बीते 3 सप्ताह के दौरान गिने-चुने मौकों को छोड़ दें तो लगभग हर सेशन में पेटीएम के शेयर पर लोअर सर्किट लगा है. हालांकि इसके बाद भी एक ब्रोकरेज फर्म को पेटीएम के शेयरों में वापसी की गुंजाइश दिख रही है.


75 फीसदी रिकवरी की गुंजाइश


ईटी नाउ की एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्रोकरेज फर्म बर्नस्टीन ने पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस के शेयर को 600 रुपये का टारगेट दिया है. आखिरी सेशन यानी शुक्रवार 16 फरवरी को पेटीएम के शेयर पर 5 पर्सेंट का अपर सर्किट लगा था और यह 341.30 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था. यानी बर्नस्टीन को पेटीएम के शेयरों में मौजूदा स्तर से 75 फीसदी से ज्यादा रिकवरी की गुंजाइश दिख रही है.


20-20 फीसदी गिर रहा था भाव


रिजर्व बैंक ने 31 जनवरी को पेटीएम की बैंकिंग यूनिट पेटीएम पेमेंट्स बैंक के ऊपर कार्रवाई की थी. आरबीआई ने उस दिन बाजार बंद होने के बाद एक्शन की जानकारी दी थी. उसके बाद 1 फरवरी को बजट के दिन बाजार खुलते ही पेटीएम का शेयर 20 फीसदी लुढ़क गया. पेटीएम के शेयरों में तब तक हर रोज 20-20 फीसदी की गिरावट आती रही, जब तक कि बाजार ने सर्किट लिमिट को घटाकर 5 फीसदी नहीं कर दिया.


इतना गिर चुका है पेटीएम शेयर


31 जनवरी को बाजार बंद होने के बाद पेटीएम का शेयर 761.20 रुपये पर रहा था. यानी आरबीआई के एक्शन से पहले पेटीएम के एक शेयर का भाव 761.20 रुपये था. शुक्रवार को लगे अपर सर्किट से पहले पेटीएम का शेयर अपने नए ऑल-टाइम लो लेवल 318.05 रुपये तक गिर गया था. यानी आरबीआई के एक्शन के बाद अब तक पेटीएम का शेयर 140 फीसदी तक लुढ़क चुका है.


अनुपालन के लिए मिला ज्यादा समय


बर्नस्टीन का मानना है कि आरबीआई का एक्शन सिर्फ पेटीएम पेमेंट्स बैंक यानी पेटीएम की बैकिंग यूनिट पर है. ऐसे में पेटीएम के बाकी बिजनेस पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है. वहीं आरबीआई से मिली 15 दिनों की मोहलत को लेकर ब्रोकरेज फर्म को लगता है कि इससे पेटीएम को रेगुलेटरी कम्पलायंस के लिए अतिरिक्त समय मिल जाएगा.


अब ये है आरबीआई की नई डेडलाइन


आपको बता दें कि 31 जनवरी को लिए गए एक्शन में आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक को नए ग्राहक जोड़ने समेत कुछ काम से तत्काल रोक दिया था. वहीं वॉलेट से लेकर बैंक अकाउंट आदि की विभिन्न सेवाओं के लिए 29 फरवरी की डेडलाइन तय की गई थी. अब रिजर्व बैंक ने डेडलाइन को बढ़ाकर 15 मार्च कर दिया है.


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