Old Income Tax Regime: ओल्ड टैक्स रिजीम को खत्म करने का सरकार का कोई इरादा नहीं है. रेवेन्यू सेक्रेटरी संजय मल्होत्रा ने कहा कि सरकार की पुरानी या ओल्ड टैक्स रिजीम को फेज आउट करने की कोई योजना नहीं है. हालांकि सरकार नई इनकम टैक्स रिजीम जो कॉरपोरेट टैक्स हो या पर्सनल इनकम टैक्स दोनों ही के लिए बेहद सरल है उसे प्रमोट करने से नहीं हिचकेगी. उन्होंने कहा, यही वजह है कि सरकार ने नई इनकम टैक्स रिजीम को बेहद आकर्षक बनाया है. नई इनकम टैक्स रिजीम को डिफॉल्ट स्कीम बनाने के बाद लोग ये तय कर सकेंगे कि उनके लिए पुरानी या नई टैक्स व्यवस्था में कौन बेहतर है.

  


वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एलान किया था कि न्यू इनकम टैक्स रिजीम अब से डिफॉल्ट टैक्स रिजीम होगा. अगर कोई टैक्सपेयर्स पुराने ओल्ड इनकम टैक्स रिजीम के तहत ही आयकर रिटर्न भरना चाहता है तो उसे आयकर रिटर्न दाखिल करते समय ये सेलेक्ट करना होगा. तभी ये से कयास लगाया जा रहा है कि क्या सरकार ओल्ड टैक्स रिजीम को खत्म कर देगी. पर राजस्व सचिव ने साफ कर दिया है सरकार का ओल्ड टैक्स रिजीम को खत्म करने की कोई योजना नहीं है. 


एक फरवरी 2023 को 2023-24 के लिए बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने नई इनकम टैक्स रिजीम को आकर्षक बनाने के लिए ये एलान किया कि अब नई इनकम टैक्स रिजिम के तहत 7 लाख रुपये तक के आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. जबकि पुरानी टैक्स व्यवस्था में ये लिमिट 5 लाख रुपये है. नई टैक्स व्यवस्था तक 3 लाख रुपये तक के आय पर टैक्स छूट मिलता है. 3 से 6 लाख रुपये के स्लैब पर 5 फीसदी, 6 से 9 लाख रुपये के स्लैब पर 10 फीसदी, 9 से 12 लाख रुपये तक के स्लैब पर 15 फीसदी, 12 से 15 लाख रुपये तक के स्लैब पर 20 फीसदी और 15 लाख रुपये से ज्यादा आय पर 30 फीसदी इनकम टैक्स देना लगता है. लेकिन जिस टैक्सपेयर्स की सालाना इनकम 7 लाख रुपये तक है उन्हें टैक्स नहीं देना होगा. जो भी टैक्स बन रहा सरकार 87 ए के तहत रिबेट देती है. नई इनकम टैक्स व्यवस्था को लोकप्रिय बनाने के लिए सैलरीड पेंशनर्स को 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन का भी लाभ देने का फैसला लिया गया जो पहले केवल ओल्ड टैक्स रिजीम चुनने वाले टैक्सपेयर्स को ही मिलता था. 


नई इनकम टैक्स रिजीम में टैक्सपेयर्स को सेविंग इंवेस्टमेंट या होम लोन के ब्याज के भुगतान पर डिडक्शन का लाभ नहीं मिलता है. जबकि ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत निवेशक को 80सी के तहत निवेश बचत के साथ 24बी के तहत होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट मिलता है. साथ ही 80डी के तहत मेडिक्लेम के प्रीमियम भुगतान पर भी टैक्स छूट टैक्सपेयर्स क्लेम कर सकते हैं.  


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