Nifty @ 50000: 2023 में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 21,400 के आंकड़े को छू सकता है. ये कहना है ब्रोकरेज हाउस आईसीआईसीआई डायरेक्ट का. ब्रोकरेज हाउस ने ये भी भविष्यवाणी की है कि 2030 तक निफ्टी 50,000 के आंकड़े को छू सकता है. आईसीआईसीआई डायरेक्ट का मानना है कि 16,200 निफ्टी का मजबूत सपोर्ट लेवल है. 


ब्रोकरेज हाउस के रिपोर्ट की मानें तो भारतीय शेयर बाजार में तेजी जारी रह सकती है. आपको बता दें कोरोना महामारी ने जब देश में दस्तक दिया और उसके बाद लॉकडाउन लगाया गया तब मार्च 2020 में निफ्टी 7511 के आंकड़े तक जा लुढ़का था. जिसके बाद इसी दिसंबर महीने में निफ्टी ने 18,887 के उच्चतम स्तर को छूआ था. यानि निचले लेवल से निफ्टी में 11,376 अंकों या 151.45 फीसदी का उछाल आ चुका है. 


सेंसेक्स ने मार्च 2020 में 25,638 के आंकड़े तक जा लुढ़का था. लेकिन इस लेवल से सेंसेक्स में 37,945 अंकों का उछाल आया है और सेंसेक्स ने 63,583 के रिकॉर्ड हाई को छूआ है. यानि निचले लेवल से सेंसेक्स में 148 फीसदी का उछाल आ चुका है. 


इससे पहले विदेशी ब्रोकरेज हाउस मॉर्गन स्टैनली (Morgan Stanley) ने भी कहा कि बीएसई सेंसेक्स 2023 के दिसंबर महीने तक 80,000 के आंकड़े को छू सकता है. मॉर्गन स्टैनली ने कहा है कि अगर भारत को ग्लोबल बॉन्ड सूचकांक ( Global Bond Indices) में शामिल कर लिया जाता है तो अगले 12 महीनों में देश में 20 बिलियन डॉलर के करीब निवेश आ सकता है. 


मॉर्गन स्टैनली के मुताबिक कमोडिटी प्राइसेज जैसे तेल और फर्टिलाइजर की कीमतों में कमी आती है और 2022-25 तक सलाना 25 फीसदी के दर से अर्निंग ग्रोथ देखने को मिलता है तो सेंसेक्स 80,000 के आंकड़े को छू सकता है. मॉर्गन स्टैनली के मुताबिक सेंसेक्स का बेस केस टारगेट 68,500 है. लेकिन कमोडिटी के दामों में उछाल आई और आरबीआई ने ब्याज दरें तेजी से बढ़ाई, अमेरिका यूरोप में मंदी के चलते भारत का विकास पर असर पड़ा तो सेंसेक्स 52,000 तक गिर सकता है. लेकिन इसकी संभावना केवल 20 फीसदी है.  


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